इंटरनेशनल कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान का पक्ष रखने वाले वकील खावर कुरैशी ने यूपीए सरकार में भारत की तरफ से केस लड़ा था। 2004 में तत्कालीन सरकार ने एनरॉन मामले में भारत का पक्ष रखने के लिए चुना था। यूपीए सरकार के इस फैसले पर अब बीजेपी सवाल उठा रही है।
बीजेपी प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्ह राव ने शनिवार को कहा,' कांग्रेस को निश्चित तौर पर यह बताना चाहिए कि उसकी सरकार ने एनरॉन जैसे संवेदनशील मामले में खावर कुरैशी की सेवाएं क्यों ली थी?'
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उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि संप्रग सरकार को ऐसे संवेदनशील मामले में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक भी भारतीय वकील नहीं मिला।
बता दें कि अमेरिकी कंपनी एनरॉन ने महाराष्ट्र के दाभोल पावर प्रोजेक्ट मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत सरकार के खिलाफ 6 अरब डॉलर का दावा ठोंका था। हालांकि इस मामले में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।
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गौरतलब है कि यूपीए सरकार ने एनरॉन के खिलाफ तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मिलन बनर्जी के नेतृत्व में फॉक्स और मंडल लॉ फर्म को चुना गया था। सूत्रो का कहना है कि हरीश साल्वे से इस मामले का पक्ष रखने के बारे में पूछा भी गया था। लेकिन बाद में फर्म ने साल्वे की जगह कुरैशी को नियुक्त कर दिया।
जिसकी वजह से साल्वे ने केस से हटने का फैसला ले लिया था। हालांकि 15 साल बाद जाधव मामले में अपनी जीत दर्ज करा कर साल्वे ने अपना हिसाब चुकता कर लिया।
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HIGHLIGHTS
- 2004 में यूपीए सरकार ने पाकिस्तान की ओर से पक्ष रखने वाले कुरैशी भारत के लिए लड़ा था केस
- एनरॉन मामले में भारत का पक्ष रखने के लिए कुरैशी की नियुक्ति पर अब बीजेपी ने उठाया सवाल
Source : News Nation Bureau