भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को फरमान जारी करते हुए कहा है कि मसूद अख़्तर 48 घंटे में भारत छोड़ दें। मंत्रालय ने पाकिस्तान के आरोप को ग़लत बताया है और कहा कि उनके राजनयिक अधिकारी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने साफ़ कर दिया है कि, पाकिस्तानी उच्चायुक्त को यह बताने के लिए तलब किया था कि जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी महमूद अख़्तर को अनधिकृत व्यक्ति घोषित किया गया है। इसलिए वो 48 घंटे में भारत छोड़ दें।
इससे पहले पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया था कि भारत उनके राजनयिक अधिकारी को हिरासत में लेकर दुर्व्यवहार कर रहा है।
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पाकिस्तान ने कहा कि उच्चायुक्त के साथ इस तरह का व्यवहार अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
खुफिया एजेंसी के इनपुट के आधार पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बुधवार रात अख्तर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस को पता चला कि वह आईएसआई का एजेंट है, लेकिन डेप्लोमेटिक इम्युनिटी हासिल होने की वजह से उसे छोड़ना पड़ा।
दिल्ली पुलिस ने संवेदनशील रक्षा दस्तावेज और भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ की तैनाती से संबंधित ब्यौरे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) आरएस यादव ने बताया, आरोपी डेढ़ साल से अधिक समय से जासूसी गतिविधियों में शामिल थे। एक विशेष सूचना पर बुधवार को उन्हें पकड़ लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अख्तर को तीन साल पहले नियुक्त किया था और फिर बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग भेज दिया। वह यहां वीजा विभाग में काम करता था, ताकि उसे ऐसे लोग मिल सके, जिससे वह जासूसी करा सके।
Source : News Nation Bureau