'पद्मावती' पर बहस के बीच वेंकैया नायडू ने कहा- लोकतंत्र में हिंसक धमकियां स्वीकार नहीं

उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि अब एक नई समस्या सामने आ गई है जहां लोगों को लगता है कि कुछ फिल्मों ने उनकी भावनाओं को आहत किया है और फिर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो जाता है।

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vineet kumar
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'पद्मावती' पर बहस के बीच वेंकैया नायडू ने कहा- लोकतंत्र में हिंसक धमकियां स्वीकार नहीं

वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर जारी बहस के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की धमकी देना और नुकसान पहुंचाने के लिए ईनाम जैसी घोषणा को लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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फिल्म पर जारी विवाद पर सीधे-सीधे कुछ न बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी घटनाओं का मतलब है कि देश के कानून को कम कर के नहीं आंका जाना चाहिए।

एक साहित्य सम्मेलन में नायडू ने कहा कि अब एक नई समस्या सामने आ गई है जहां लोगों को लगता है कि कुछ फिल्मों ने उनकी भावनाओं को आहत किया है और फिर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो जाता है।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोग विरोध करते-करते सीमा से बाहर चले जाते हैं और ईनामों तक की घोषणा करते हैं।

वैंकेया नायडू ने कहा, 'मुझे संदेह है कि इन लोगों के पास एक करोड़ रुपये हैं भी या नहीं। हर कोई एक करोड़ की घोषणा कर रहा है। क्या एक करोड़ रुपये होना इतना आसान है?'

नायडू ने कहा, 'लोकतंत्र में यह संभव नहीं है। आपके पास लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है। आपको संबंधित अधिकारियों के पास जाना चाहिए। आप किसी को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचा सकते। हमे कानून को कम करके नहीं आंकना चाहिए।'

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नायडू ने पूर्व में बैन की गई फिल्मों गरम हवा, किस्सा कुर्सी का और आंधी का जिक्र करते हुए कहा कि वह किसी एक फिल्म की बात नहीं कर रहे हैं।

नायडू ने संसद की कार्यवाही को लेकर विपक्ष और दूसरी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह देखना जरूरी नहीं है कि संसद कितने दिन चलता है कि बल्कि यह देखना होगा कि यह कैसे काम करता है।

बता दें कि हाल में कांग्रेस ने सरकार पर संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने में देरी करने का आरोप लगाया था। हालांकि, सरकार यह साफ कर चुकी है कि विधान सभा चुनाव के चलते ऐसा हुआ और पूर्व की सरकारें भी ऐसा करती रही हैं क्योंकि ज्यादातर नेता चुनावी प्रचार में व्यस्त रहते हैं।

वैसे, सरकार यह संकेत दे चुकी है कि 15 दिसंबर से संसद का शीतकालीत सत्र बुलाया जा सकता है।

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HIGHLIGHTS

  • वेंकैया नायडू ने अपने भाषण में गरम हवा, किस्सा कुर्सी का और आंधी जैसी फिल्मों का किया जिक्र
  • उपराष्ट्रपति ने कहा- विरोध करते-करते सीमा से बाहर जाना ठीक नहीं

Source : News Nation Bureau

Venkaiah Naidu padmavati Democracy
      
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