मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने पद्म अवार्ड का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, हर साल की तरह इस बार भी पद्म अवार्ड को लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता थी. आज हम एक न्यू इंडिया की ओर अग्रसर हैं. इसमें हम उन लोगों का सम्मान करना चाहते हैं जो grass-root level पर अपना काम निष्काम भाव से कर रहे हैं. अपने परिश्रम के बल पर अलग-अलग तरीके से दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. दरअसल वे सच्चे कर्मयोगी हैं, जो जनसेवा, समाजसेवा और इन सबसे बढ़कर राष्ट्रसेवा में नि:स्वार्थ जुटे रहते हैं.
यह भी पढ़ें : मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने किया वॉर मेमोरियल का जिक्र, जानें क्या है खासियत
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आपने देखा होगा जब पद्म अवार्ड की घोषणा होती है तो लोग पूछते हैं कि ये कौन है? एक तरह से इसे मैं बहुत बड़ी सफलता मानता हूं, क्योंकि ये वो लोग हैं जो टीवी, मैगजिन या अखबारों के Front page पर नहीं हैं. ये चकाचौंध की दुनिया से दूर हैं. लेकिन ये ऐसे लोग हैं, जो अपने नाम की परवाह नहीं करते हैं. बस जमीनी स्तर पर काम करने में विश्वास रखते हैं. योग: कर्मसु कौशलम् गीता के संदेश को वो एक प्रकार से जीते हैं.
यह भी पढ़ें ः मन की बात: 2019 लोकसभा चुनाव जीतकर दूसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी! पढ़ें 10 सबसे बड़ी बातें
प्रधानमंत्री ने कहा. पद्म पुरस्कार पाने वालों में मराठवाड़ा के शब्बीर सैय्यद गौ-माता के सेवक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने जिस प्रकार अपना पूरा जीवन गौमाता की सेवा में लगा दिया ये अपने आप में अनूठा है. मदुरै चिन्ना पिल्लई वही शख्सियत हैं, जिन्होंने सबसे पहले तमिलनाडु में कलन्जियम आंदोलन से पीड़ितों और शोषितों को सशक्त करने का प्रयास किया. समुदाय आधारित लघु वित्तीय व्यवस्था की शुरुआत की. गुजरात के अब्दुल गफूर खत्री ने तो कच्छ के पारंपरिक रोगन पेंटिंग को पुनर्जीवित करने का अद्भुत कार्य किया. वे इस दुर्लभ चित्रकारी को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का बड़ा कार्य कर रहे हैं.
पीएम आगे कहा, ओडिशा के दैतारी नायक को ‘Canal Man of the Odisha’ यूं ही नहीं कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने गांव में अपने हाथों से पहाड़ काटकर तीन किमी तक नहर का रास्ता बना दिया. उन्होंने लगन और मेहनत से सिंचाई और पानी की समस्या खत्म कर दी. अमेरिका की Tao Porchon-Lynch के बारे में सुनकर आप सुखद आश्चर्य से भर जाएंगे. Lynch आज योग की जीती-जागती संस्था बन गई है. सौ वर्ष की उम्र में भी वे दुनियाभर के लोगों को योग का प्रशिक्षण दे रही हैं और अब तक डेढ़ हजार लोगों को योग शिक्षक बना चुकी हैं.
यह भी पढे़ं ः Mann Ki Baat : पुलवामा के शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा : पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, किसान चाची ने अपने इलाके की 300 महिलाओं को 'Self Help Group' से जोड़ा और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने गांव की महिलाओं को खेती के साथ ही रोजगार के अन्य साधनों का प्रशिक्षण दिया. उन्होंने आगे कहा, झारखण्ड में ‘Lady Tarzan’ के नाम से विख्यात जमुना टुडू ने टिम्बर माफिया और नक्सलियों से लोहा लेने का साहसिक काम किया. उन्होंने न केवल 50 हेक्टेयर जंगल को उजड़ने से बचाया, बल्कि दस हजार महिलाओं को एकजुट कर पेड़ों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रेरित किया.
Source : News Nation Bureau