असंतुष्ट होने पर नोटबंदी पर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के अलावा पीएम मोदी को तलब कर सकती है संसदीय समिति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय कार्य समिती कर सकती है तलब, नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को देनी पड़ सकती है सफाई।

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Shivani Bansal
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असंतुष्ट होने पर नोटबंदी पर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के अलावा पीएम मोदी को तलब कर सकती है संसदीय समिति

फाइल फोटो (Image Source- Gettyimages)

नोटबंदी पर लिए अचानक लिए फैसले को लेकर संसदीय समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तलब कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीके थॉमस की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति यानि पीएसी प्रधानमंत्री को तलब करने की योजना बना रही है।

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पीएसी ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल को 20 जनवरी को इस मुद्दे पर सफाई देने के लिए बुलाया है और नोटबंदी से जुड़े सवालों पर स्थिति साफ करने को कहा है। पीएसी जानना चाहती है कि नोटबंदी का फैसला कैसे लिया गया और इसका देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर क्‍या असर होगा।

नोटबंदी के मुद्दे पर पीएसी ने पटेल को 10 सवाल भेजे गए हैं। फैसला लेने में केंद्रीय बैंक की भूमिका, अर्थव्‍यवस्‍था पर प्रभाव और आरबीआई गवर्नर के रेगुलेशंस में पिछले दो महीनों में आए बदलावों पर जानकारी मांगी गई है। हालांकि नोटबंदी के बाद पैदा हुई बाज़ार में नकदी की समस्‍या कुछ हद तक कम जरूर हुई है, मगर अभी भी पर्याप्‍त मात्रा में नए नोटों की सप्‍लाई नहीं हो पा रही है। जिसके चलते अर्थशास्त्रियों ने जीडीपी वृद्धि दर में कमी की आशंका जताई है।

और पढ़ें- नोटबंदी को लेकर संसद की लोक लेखा समिति ने आरबीआई गर्वनर के साथ वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया

थॉमस ने साफ किया कि, 'समिति के पास मामले से जुड़े किसी भी व्‍यक्ति को बुलाने का अधिकार है। हम प्रधानमंत्री को भी नोटबंदी के मुद्दे पर बुला सकते हैं अगर सदस्‍य एकमत से यह फैसला लें। लेकिन वह 20 जनवरी की बैठक के नतीजे पर निर्भर करेगा।'

थॉमस ने यह भी कहा कि जब वह नोटबंदी के बाद पीएम से मिले तो, 'उन्‍होंने कहा कि दिसंबर अंत तक 50 दिन में हालात सामान्‍य हो जाएंगे, मगर ऐसा लगता नहीं और आरबीआई गवर्नर को विपक्षी दलों के कोप का भाजन बननना पड़ा है क्‍योंकि पर्याप्‍त नकदी उपलब्‍ध नहीं हो सकी और बैंकों से जमा निकालने पर भी तरह-तरह की पाबंदियां हैं।'

संसदीय समिति ने आरबीआई गवर्नर से पूछा है कि अगर नकदी निकालने पर पाबंदी लगाने को लेकर कोई कानून नहीं है तो उन पर 'शक्तियों का दुरुपयोग करने के लिए' मुकदमा क्‍यों न चले और उन्‍हें हटाया क्‍यों न जाए? पीएसी यह भी जानना चाहती है कि कितनी नकदी पर प्रतिबंध लगा था और उसमें से कितनी बैंकिंग व्‍यवस्‍था में लौट आई है।

पीएसी ने पटेल से जानना चाहा है कि, 'कितने नोट बंद किए गए और पुरानी करंसी में से कितना वापस जमा किया जा चुका है? जब 8 नवंबर को आरबीआई ने सरकार को नोटबंदी की सलाह दी तो कितने नोटों के वापस लौटने की संभावना थी?'

Source : News Nation Bureau

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