संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी ने 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों की विवादित रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इस रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सुरेश कलमाड़ी को सीडब्ल्यूजी की कमेटी का अध्यक्ष चुने जाने और घोटालों से जुड़े सवाल उठाए है।
रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दफ्तर के टालमटोल वाले रवैये और घोटालों की अनदेखी के मुद्दे पर पर भी आलोचना की है। मनमोहन सिंह की मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होती। रिपोर्ट में कहा गया कि तत्कालीन खेल मंत्री दिवगंत सुनील दत्त की आपत्तियों को नजरंदाज करना काफी मंहगा पड़ा है।
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रिपोर्ट में कहा गया है,'राष्ट्रीय महत्व से जुड़े प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदारी बदलने के बजाय ध्यान देना चाहिए था। प्रधानमंत्री कार्यालय का यह कहना है कि खेल मंत्रालय ने इसके कारण सही तरीके से बता दिया वह टालमटोल वाला है। कैबिनेट सचिव जिम्मेदारी तय करने में नाकाम रहे और वह राजनीतिक दबाव में झुक गए।'
इस रिपोर्ट को लेकर सभी पार्टियों ने सहमति जताई है। कमेटी ने इन घोटालों के संबंध में सीबीआई से नए सिरे से जांच शुरू करने के आदेश दिए है। इस संबंध में करीब 33 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें से कुछ सुरेश कलमाड़ी और कुछ उनके करीबी सहयोगियों पर दर्ज थे।
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बता दें कि इसकी रिपोर्ट बनाने में भी करीब दो माह की देरी की गई। हाल ही में कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अध्यक्षता में पीएसी की बैठक में रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया। मोदी सरकार के आने के बाद से यह रिपोर्ट रूकी हुई थी लेकिन अब इसे स्वीकार कर लिया गया है।
HIGHLIGHTS
- पीएसी ने स्वीकार की CWG खेल के घोटालों की रिपोर्ट
- मनमोहन सिंह के दफ्तर के टालमटोल वाले रवैये और घोटालों की अनदेखी की आलोचना
- सीबीआई को नए सिरे से जांच शुरू करने के आदेश
Source : News Nation Bureau