संसद की लोक लेखा समिति यानि पीएसी ने कॉमनवेल्थ गेम्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय की कोई भूमिका जांच में नही पाई है।
पीएसी के अध्यक्ष के. वी. थॉमस ने यह बात मंगलवार को एक बयान में कही। उन्होंने कहा, 'कमेटी ने अपनी जांच में पाया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या पीएमओ ने नियमों के विरुद्ध कुछ भी नहीं किया था।'
बता दें कि पीएसी बुधवार को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करने वाली है। थॉमस ने अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, 'आपको कल (बुधवार को) पूरी रिपोर्ट मिल जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ भी नहीं है।'
पीएसी ने CWG 2010 के घोटालों की रिपोर्ट में मनमोहन सिंह की आलोचना, CBI को दिए दोबारा जांच के आदेश
थॉमस ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें फैसले लिए गए थे और जब इस बैठक के मिनिट्स आए तो तत्कालीन खेल मंत्रालय ने कहा कि बैठक में लिए गए फैसलों की भावना मिनिट्स में परिलक्षित नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, 'ऐसा कुछ भी नहीं है, जो मनमोहन सिंह या पीएमओ के खिलाफ हो।' थॉमस ने बताया कि इस रिपोर्ट के निष्कर्ष पर सर्वसम्मति है। उन्होंने साथ ही कहा कि 24 सदस्यीय पीएसी में केवल चार सदस्य कांग्रेस के हैं जबकि 12 सदस्य भारतीय जनता पार्टी भाजपा के हैं।
पीएम मोदी ने 2G, CWG घोटाले को गिनाते हुए कहा, मनमोहन के 'संगठित लूट' का संदर्भ UPA के लिए होना चाहिए
बीते तीन वर्षो के दौरान थॉमस की अध्यक्षता में पीएसी अब तक 73 रिपोर्ट पेश कर चुकी है और 74वीं रिपोर्ट बुधवार को पेश किया जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले की पीएसी रिपोर्ट 31 अप्रैल से पहले संसद में पेश की जाएगी, जो मौजूदा कमेटी के कार्यकाल का अंतिम दिन है।
IPL से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : IANS