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पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (फाइल)
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पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लिए वार्ताकार की नियुक्ति यह दिखाती है कि सरकार यह स्वीकार कर रही है कि राज्य में उसकी 'ताकत के इस्तेमाल (मसकुलर अप्रोच)' की नीति विफल हो गई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (फाइल)
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लिए वार्ताकार की नियुक्ति यह दिखाती है कि सरकार यह स्वीकार कर रही है कि राज्य में उसकी 'ताकत के इस्तेमाल (मसकुलर अप्रोच)' की नीति विफल हो गई है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, 'बात नहीं करने के रवैये से अब सभी साझेदारों के साथ बात करने का निर्णय उन लोगों के लिए जीत है जो जम्मू एवं कश्मीर में राजनीतिक समाधान की जोरदार पैरवी करते हैं।'
उऩ्होंने कहा कि, 'मुझे विश्वास है कि सरकार ने अंत में यह मान लिया है कि उसका शक्तिपूर्ण प्रयास विफल हो चुका है।'
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चिदंबरम ने यह प्रतिक्रिया गृहमंत्री राजनाथ सिह के उस घोषणा के बाद दी जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में वार्ता प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।
गृहमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने आईबी के पूर्व निदेशक दीनेश्वर शर्मा को जम्मू एवं कश्मीर में वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि शर्मा को जम्मू एवं कश्मीर में समस्या हल करने के लिए 'किसी से भी' बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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Source : IANS