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पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री (फाइल फोटो)
पूर्व रिज़र्व बैंक गवर्नर वाई वी रेड्डी से सहमति जताते हुए कांग्रेस नेता पी चिंदबरम ने कहा सरकार के नोटबंदी के फैसले ने आरबीआई की स्वायतता पर सवालिया निशान लगा दिया है।
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरमने कहा कि, 'पूरी प्रक्रिया के उलट..नोटबंदी की सिफारिश आरबीआई की ओर से होने के बजाय, सरकार ही आरबीआई को नोटबंदी का सुझाव दे रही है।'
इससे पहले रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई. वी. रेड्डी ने भी कहा था नोटबंदी के फैसले को जिस तरह से लिया गया उसने आरबीआई की साख पर बट्टा लगा दिया है। इससे अलावा उन्होंने कहा कि,'यदि मेरे कार्यकाल में नोटबंदी की गई होती तो मैं पद से इस्तीफा दे देता।'
हालांकि उन्होंने चुनावों के दौरान सरकार फंडिंग का समर्थन किया है। उन्होंने माना कि, 'चुनाव लड़ना अब बेहद खर्चीला हो गया है। यहां तक कि कई पार्टियों के उम्मीदवारों के लिए टिकट पाना भी महंगा हो गया है और यह निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव लड़ने के लिए तय की गई वैधानिक अनुमति से कहीं ज्यादा खर्चीला है।'
इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि वह अपनी बात कांग्रेस पार्टी के सामने भी रखेंगे। जबकि नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि,'उन्होंने असंतोष को भुनाया है, जैसा हाल में हुए अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने भी किया था। यह एक वर्ग की नाराजगी को दूसरे के खिलाफ बढ़ाने जैसा है।'
ये बातें कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कोलकाता में टाटा स्टील कोलकाता साहित्य सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कही।
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Source : IANS