बैंकों के एनपीए को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुक्रवार को भी जारी है. पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने निर्यात ऋण में भारी गिरावट के लिए केंद्र सरकार की बैंकों के डूबे कर्ज (एनपीए) को लेकर निरंकुश रवैए को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने के सरकार के दावे के बावजूद जून 2018 में निर्यात घटकर 22,300 करोड़ रुपये रहा जबकि जून 2017 में यह 39,000 करोड़ रुपये था.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 'निर्यात ऋण जून 2018 में घटकर 22,300 करोड़ रुपये रहा गया जबकि जून 2017 में यह 39,000 करोड़ रुपये था. इसके बावजूद सरकार निर्यात बढ़ाने के दावे कर रही है.'
उन्होंने कहा, 'एनपीए की समस्या के लिए एनडीए सरकार का निरंकुश रवैया जिम्मेदार है. बैंकों के पास ऋण देने के लिए पैसा नहीं है और बैंकर्स का उधार देने का मन भी नहीं है.'
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चिदंबरम ने कहा कि संदेह और प्रतिशोध के माहौल के बीच बैंकर सिर्फ अपनी सेवानिवृत्ति के दिन का इंतजार कर रहे हैं.
Source : IANS