INX मीडिया के ED वाले केस में चिंदबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी गई है. कोर्ट में ED ने सीलबंद कवर में सबूत रखे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा कि हमने उन पर गौर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज़मानत अर्जी पर विचार करते हुए कोर्ट सीलबंद कवर में सबूतो को देख सकता है पर इस केस में हमने ऐसा करने से परहेज किया. इसके बाद पी चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई. यानि ED वाले केस में भी ED चाहे तो चिंदबरम को गिरफ्तार कर सकती है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि ट्रांसस्क्रिप्ट पेश की जाए या नहीं, ये बात जांच अधिकारी के दायरे में होगी. कोर्ट ने सीलबंद कवर में रखे गए सबूत देखने से इंकार किया है.
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चिंदबरम की अग्रिम ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत आरोपी के अधिकार के तौर नहीं दिया जा सकता. ये आर्थिक अपराध का मामला है. ऐसे केस में शुरुआती स्टेज पर अग्रिम ज़मानत दिया जाना अभी जारी जांच को बाधित करेगा. इस मामले में रखे गए तथ्यों के आधार पर हमें नहीं लगता कि ज़मानत दी जानी चाहिए. चिंदबरम चाहे तो निचली अदालत में नियमित जमानत की अर्जी लगा सकते हैं. ED ने सीलबंद कवर में सबूत रखे. कोर्ट चाहे तो ज़मानत अर्जी पर विचार करते हुए सबूतों को देख सकता था, लेकिन इस केस में हमने सबूत देखने से परहेज किया.
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अब INX मीडिया के CBI वाले केस में चिंदबरम ने SC में दायर अर्जी वापस ली
इस अर्जी में चिदंबरम ने सीबीआई गिरफ्तारी और रिमांड पर भेजे जाने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. यानि सीबीआई वाले केस में अब SC का दखल ख़त्म होने के बाद सुनवाई के पूरा फोकस रॉउज एवेन्यु कोर्ट में रहेगा. जहां चिदंबरम की पेशी होनी है. नियम के मुताबिक वहां सीबीआई और ज़्यादा कस्टडी मांग नहीं सकती. वहां से अगर अंतरिम जमानत नहीं मिलती तो अब चिंदबरम को जेल जाना. आज के दोनों मामलों में SC के रुख के बाद चिंदबरम के पास अब दो विकल्प ही बचे है यहां तो ED की कस्टडी या फिर तिहाड़ जेल.
बुधवार को नहीं मिली थी राहत
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम (P Chidambaram) को फिलहाल राहत नहीं मिली थी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम (P Chidambaram) की जमानत अर्जी खारिज करते हुए उनकी सीबीआई रिमांड गुरुवार तक के लिए बढ़ा दी थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम की सीबीआई कस्टडी 3 दिन के लिए बढ़ा दी थी. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि चिदंबरम ने ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए जाएं. इससे पहले वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि पूर्व वित्त मंत्री 76 साल के हैं उनको तिहाड़ जेल न भेजा जाए. उनके लिए घर में नजरबंदी ही अच्छी होगी. उनको गिरफ्तारी से छूट दी जाए और बेल के लिए आवेदन करने दिया जाए.