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पी चिदंबरम( Photo Credit : फाइल फोटो)
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चिदंबरम (Chidambaram ) ने आरोप लगाया कि एनडीए (NDA) राज में बैड लोन में चार गुना इजाफा हुआ है. इसके साथ ही नोटबंदी ने हालात को और बिगाड़ दिया है.
पी चिदंबरम( Photo Credit : फाइल फोटो)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (p chidambaram) ने येस बैंक (Yes Bank) के मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधा. चिदंबरम (Chidambaram ) ने आरोप लगाया कि एनडीए (NDA) राज में बैड लोन में चार गुना इजाफा हुआ है. इसके साथ ही नोटबंदी ने हालात को और बिगाड़ दिया है.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया कि यह वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं विनियमित करने की सरकार की क्षमता को दिखाता है. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया,‘बीजेपी 6 साल से सत्ता में है. वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है.’
और पढ़ें:यस बैंक (Yes Bank) में SBI की हिस्सा खरीदने की खबर पर BSE ने मांगा स्पष्टीकरण
उन्होंने सवाल किया, ‘पहले पीएमसी बैंक (PMC Bank), अब येस बैंक (Yes Bank). क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?’
नोटबंदी के बाद लोन ने छलांग लगाई है
चिदंबरम में ट्वीट करते हुए एक डाटा पेश किया, 'वास्तविक डेट अब उपलब्ध हैं. मार्च 2014 के अंत में लोन 55,633 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2019 के अंत बढ़कर 2,41,499 करोड़ रुपया हो गया है. मार्च 2017 के अंत में यह आंकड़ा 1.48,675 रुपये था, जो बढ़कर मार्च 2019 के अंत में 2,41,499 हो गया. नोटबंदी के बाद लोन ने छलांग लगाई है.'
Will the government confirm that the Loan Book of YES Bank has grown under the BJP’s watch as follows:
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
FY2014: 55,000 cr
FY2015: 75,000
FY2016: 98,000
FY2017: 1,32,000
FY2018: 2,03,000
FY2019: 2,41,000
एसबीआई (SBI) को यस बैंक का लोन बुक लेना चाहिए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मांग की कि एसबीआई (SBI) को यस बैंक का लोन बुक लेना चाहिए. चाहे वो एक रुपए का ही हो. लोन की वसूली करनी चाहिए और साथ ही जमाकर्ताओं को आश्वासन देना चाहिए कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और वापस आ जाएगा.
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गौरतलब है कि रिजर्व बैंक (Reserve bank) ने गुरुवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है. वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है. येस बैंक किसी भी तरह के नये ऋण का वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा.
(इनपुट भाषा)