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ओवैसी ने टीआरएस सरकार से एनपीआर गतिविधि पर रोक लगाने की मांग की

इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) के अद्यतन पर भी केरल की तरह ही रोक लगाने की अपील की.

Updated on: 25 Dec 2019, 08:22 PM

नई दिल्‍ली:

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने तेलंगाना में मुस्लिम संगठनों (Telangana Muslim organizations) की एक इकाई के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (CM Chandrashekhar Rao) से बुधवार को मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) के अद्यतन पर भी केरल की तरह ही रोक लगाने की अपील की.

बैठक खत्म होने के बाद बाहर ओवैसी ने इसे ‘सकारात्मक’ बताते हुए कहा कि उन्होंने राव को बताया कि एनपीआर दरअसल राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की तरफ बढ़ने की पहली प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके मुद्दे पर ‘सहानुभूति’ प्रकट की और इस पर जवाब देने के लिए दो दिन का समय मांगा है. हैदराबाद के लोकसभा सांसद यहां शहर के यूनाइटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ थे.

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एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ ने शुक्रवार को एनपीआर से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी. इससे पहले पश्चिम बंगाल में भी एनपीआर गतिविधि पर रोक लग चुकी है. ओवीस ने दिल्ली में रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का भी हवाला दिया. मोदी ने कहा था कि एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं है.

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ओवैसी ने इस पर कहा कि राष्ट्रपति ने राजग सरकार के गठन के बाद संसद में कहा था कि एनआरसी लाया जाएगा. उन्होंने कहा, ' क्या यह केंद्र सरकार है जो राष्ट्रपति का भाषण तैयार करती है. यह संसद में पढ़ा गया था. क्या यह गलत था?' ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोई डिेंटेशन कैम्प नहीं बना है जबकि कर्नाटक में भी एक डिटेंशन कैम्प का पता चला है और असम में यह बन रहा है. उन्होंने कहा, ' भारत के प्रधानमंत्री, हम आपसे यह उम्मीद नहीं कर रहे थे.'

संसद में ओवैसी ने फाड़ी थी विधेयक की कॉपी
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस विधेयक पर ऐतराज जताते हुए इसकी कॉपी फाड़ दी. उन्होंने इस बिल को देश को बांटने वाला बिल बताया था. वहीं नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill)  का शिवसेना द्वारा सपोर्ट करने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'यह 'भांगड़ा पॉलिटिक्स' है. वो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में खुद को सेक्लुर (धर्मनिरपेक्ष) लिखते हैं. यह विधेयक धर्मनिरपेक्षता और अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. यह अवसरवाद की राजनीति है.