कश्मीर का बदलने लगा रंग, 3,8000 कश्मीरी पंडित घाटी लौटे
केंद्र सरकार के मुताबिक अब तक 38000 से ज्यादा पंडित घाटी में लौट चुके हैं. प्रधानमंत्री के पुनर्वास पैकेज के तहत 3841 कश्मीरी पंडित घाटी पहुंच चुके हैं.
highlights
- जम्मू-कश्मीर में बदल रहे हालात
- घर वापसी कर रहे हैं कश्मीरी पंडित
- अबत 38 हजार पंडित घाटी पहुंचे
नई दिल्ली :
5 अगस्त 2021 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दो साल पूरे चुके हैं. इन दो सालों में कश्मीर के हालत सुधरते हुए दिखाई दे रहे हैं. सरकार की मानें तो कश्मीरी पंडितों की घर वापसी भी हो रही है. कश्मीरी पंडित खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक अब तक 38000 से ज्यादा पंडित घाटी में लौट चुके हैं. प्रधानमंत्री के पुनर्वास पैकेज के तहत 3841 कश्मीरी पंडित घाटी पहुंच चुके हैं. इतना ही नहीं इन्हें अलग-अलग जिलों में नौकरी भी मिल गई है. कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
9 कश्मीरी पंडितों को मिली उनकी संपत्ति
इसके साथ ही नित्यानंद राय ने यह भी बताया कि अब तक कुल 9 कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में उनकी प्रॉपटी दिलाई गई है. ये वो कश्मीरी पंडित हैं जो हिंसा के बाद अपनी संपत्ति को वहीं छोड़कर पलायन कर गए थे. उन्हें अब उनकी संपत्ति दिला दी गई है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि Preservation, Protection and Restraint on Distress Sales) Act, 1997 के तहत सभी जिलों के प्रवासी कश्मीरियों की प्रॉपर्टी के कानूनी कस्टोडियन संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) हैं.
अगर इस प्रॉपर्टी पर कोई गैर कानूनी तरीके से कब्जा करता है तो डीएन इन पर कानूनी कार्रवाई करते हैं. अपनी जमीन वापस पाने के लिए अब कश्मीरी पंडित डीएम से भी संपर्क कर सकते हैं.
44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं
बता दें कि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा 1990 में स्थापित राहत कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं, जिन्हें सुरक्षा चिंताओं के कारण 1990 से घाटी से पलायन करना पड़ा था.
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1,997 उम्मीदवारों को नौकरी
वहीं मंत्री ने बताया कि इनमें से पंजीकृत हिंदू प्रवासी परिवारों की संख्या 39,782 है. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी में अब खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस बात की पुष्टि 3,841 कश्मीरी प्रवासी युवाओं का घाटी लौटना करता है. इन लोगों को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कश्मीर के विभिन्न जिलों में नौकरी दी गई है. राय ने आगे बताया कि अप्रैल में इसी पैकेज के तहत अन्य 1,997 उम्मीदवारों को नौकरियों के लिए चुना गया था और वे जल्द ही कश्मीर जाएंगे.
यह भी बताया गया कि 26,684 कश्मीरी प्रवासी युवाओं ने 1997 पदों पर आवेदन करने के लिए रुचि दिखाई.
कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षा के इंतजाम
केंद्रीय राज्य मंत्री ने आगे बताया कि कश्मीरी पंडित और डोगरा हिंदू परिवारों सहित लगभग 900 ऐसे परिवार घाटी में रह रहे. जहां तक कश्मीर से पलायन करने वालों का संबंध है, सरकार ने उन्हें कश्मीरी प्रवासियों के लिए रोजगार पैकेज में शामिल करने की अनुमति दी है. इसके अलावा इनकी सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.
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