वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
केंद्र की मोदी सरकार ने 2 लाख से अधिक कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए खाते और पंजीकरण रद्द कर दिये।
वित्त मंत्रालय के आदेश के बाद 2,09,032 कंपनियों को कंपनीज एक्ट की धारा 248(5) के अंतर्गत कंपनियों के रजिस्टर से हटा दिया गया है। सभी कंपनियों पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है।
वित्त मंत्रालय ने भारतीय बैंक संघ के जरिए सभी बैंकों को यह सलाह दी है कि वे ऐसी बंद कर दी गई 2,09,032 कंपनियों के बैंक खातों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
Operation of bank accounts of over 2 lakh ‘struck off” Companies
restricted by Government: Finance Ministry— ANI (@ANI) September 5, 2017
वित्त मंत्रालय ने बैंकों को यह भी सलाह दी है कि वे सभी कंपनियों के साथ कारोबार करने में विशेष रूप से सावधानी बरतें। कॉरपोरेट मंत्रालय की वेबसाइट पर बंद कंपनियों की लिस्ट प्रकाशित की गई है।
सरकार की तरफ से जारी किये गये बयान के अनुसार, 'बंद की गई कंपनियों को फिर से शुरू करने के लिए कानूनी कार्रवाई जरूरी है। ये कंपनियां जब भी फिर आरंभ की जाएंगी तब इन्हें ‘बंद’ के स्थान पर ‘सक्रिय’ दर्शाया जाएगा।'
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सरकारी बयान के मुताबिक, 'कार्पोरेट कार्य मंत्रालय की वेबसाइट पर ‘सक्रिय’ रूप में मौजूद कोई कंपनी, जो अपने अपेक्षित वित्तीय विवरण अथवा ऋण के संबंध में अपनी आस्ति संबंधी विशेष प्रभारों की वार्षिक विवरणी को प्रदर्शित नहीं करती है तो उसे प्रथम दृष्टि में संदेह से देखा जाएगा और यह माना जाएगा कि वह कंपनी अपने निवेशकों और आम जनता को महत्वपूर्ण सूचना एवं जानकारी से वंचित कर रही है।'
HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्रालय ने 2,09,032 कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया
- कंपनियों पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है, बैंकों से खाता बंद करने का अनुरोध
Source : News Nation Bureau