म्यांमार के आराकान राज्य के 1200 नागरिकों ने मिज़ोरम में शरण ली है। इनमें से ज्यादातर लोग बौद्ध और इसाई हैं भागकर यहां आए हैं।
मिज़ोरम के लॉन्गतलाई ज़िले में आए ये शरणार्थी आराकान प्रांत की स्थानीय आदिवासी बोली में बात कर रहे हैं। आराकान आर्मी के खिलाफ म्यांमार की सेना की कार्रवाई के कारण ये भाग कर यहां पहुंचे हैं।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि करीब 500 लोगों में लइतलांग गांव में जबिक ज़ोचाछुआ और दमज़ौतलांग गांव में 420 , 200 और 120 लोग शरण लिये हुए हैं।
अधिकारियों का कहना है, 'ज्यादातर लोग अपने रिश्तेदारों के यहां रुके हुए हैं। जबकि दूसरे लोगों को सामुदायिक भवन और स्कूलों में रुके हुए हैं।'
और पढ़ें: पाकिस्तान ने हाफिज की रिहाई को सही ठहराया, कहा- भारत का आरोप निराधार
अधिकारी ने बताया कि ये चौथा मौका है जब म्यांमार से लोग भारत में भागकर आए हैं।
गांवों के मुखिया ने अधिकारियों को जानकारी दी कि उन लोगों ने आराकान में गोलियों की आवाज़ सुनी है। म्यांमार से आए लोगों के खाने-पीने की सुविधा वहां के स्थानीय लोग मुहैया करा रहे हैं।
और पढ़ें: दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने का फैसला अस्वीकार्य: हरसिमरत कौर
Source : News Nation Bureau