छत्तीसगढ़ के बस्तर की नक्सल समस्या से प्रभावित होने के अलावा एक और पहचान यहां का कोसा भी है। इस कोसा के प्रचार प्रसार के लिए दिल्ली सहित अनेक स्थानों पर इसके आउटलेट खोले जाने की तैयारी है।
केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार झा ने दो दिवसीय बस्तर जिले के प्रवास के दौरान जिले में संचालित कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने बस्तर कोसा के उत्पाद का बेहतर प्रचार-प्रसार के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य बड़े शहरों में आउटलेट खोलने के निर्देश दिए।
केंद्रीय सचिव झा ने इस प्रवास के दौरान एकलव्य विद्यालय, रेशम धागा प्रसंस्करण केंद्र, कोसा विक्रय केंद्र आदिशिल्प, आसना स्थित बादल एकेडमी, बाबूसेमरा स्थित ट्रायफूड पार्क, कचरा प्रबंधन केंद्र और बकावंड स्थित काजू प्रसंस्करण केंद्र और तुरेनार के रीपा सेंटर की गतिविधियों का अवलोकन किया।
केन्द्रीय सचिव झा ने निरीक्षण के दौरान एकलव्य विद्यालय की व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए। विद्यालय के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जिसे केन्द्रीय सचिव व अन्य अधिकारियों ने सराहा।
सचिव झा ने बादल एकेडमी में जनजाति संस्कृति के वाद्य यंत्रों, भाषा-बोली के संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे लेखनी कार्य की सराहना की। उन्होंने बकावंड काजू प्रसंस्करण के द्वारा महिला समूहों को आर्थिक लाभ देने की सराहना करते हुए, काजू प्रसंस्करण और अंतिम उत्पाद बनने की सभी चरण का अवलोकन किया।
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Source : IANS