कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सांसदों के वेतन को एक वर्ष के लिये 30 प्रतिशत कम करने के उद्देश्य से एक कानून में संशोधन के लिए मंगलवार को एक अध्यादेश जारी किया गया. संसद सदस्यों का वेतन, भत्ते एवं पेंशन (संशोधन) अध्यादेश 2020 तत्काल प्रभाव से लागू हो गया. इस अध्यादेश के माध्यम से संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेंशन अधिनियम 1954 में एक नई उप धारा को जोड़ा जा रहा है जो तनख्वाह को कम करने से संबंधित है.
नये प्रावधान के अनुसार कोरोना वायरस से उपजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सांसदों का वेतन एक साल के लिए 30 फीसदी कम किया जाता है जो एक अप्रैल 2020 से प्रभावी है। नये प्रावधानों में कहा गया है कि सांसदों को मिलने वाले वेतन की उप धारा 1 के प्रावधानों में अब एक अप्रैल 2020 से एक वर्ष के लिये 30 प्रतिशत की कमी की जायेगी ताकि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटा जा सके. अध्यादेश को सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई थी.
इस अध्यादेश के स्थान पर संसद के अगले सत्र में एक विधेयक लाया जायेगा. अध्यादेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी ने तेजी से राहत एवं मदद के महत्व को दर्शाया है और इसलिये महामारी को रोकने के मकसद से कुछ आपात कदम उठाना जरूरी है. ऐसी स्थिति को नियंत्रित करने एवं निपटने के लिये यह जरूरी है कि सांसदों के वेतन एवं भत्ते को कम करके संसाधन जुटाये जाएं. गौरतलब है कि लोकसभा में 543 सदस्य और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं.
Source : Bhasha