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तेल की कीमतों को लेकर संसद में विरोध जारी रखेगा विपक्ष

एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने की योजना बनाई है.

Updated on: 10 Mar 2021, 11:19 AM

highlights

  • ईंधन कीमतों में बढ़ोत्तरी और कृषि कानूनों पर आज भी संसद में हंगामा तय
  • कांग्रेस ने विपक्ष के साथ तैयार की है मोदी सरकार को घेरने की रणनीति
  • कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पेश होने को हैं कार्यवाही की कतार में

नई दिल्ली:

एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने की योजना बनाई है. विपक्ष मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने और एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई दरों को कम करने की नीतियों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध कर रहा है. सोमवार से बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से सदन को व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है. राज्यसभा में बुधवार को भी विपक्ष (Opposition) के हंगामे, मूल्य वृद्धि, किसानों के विरोध और अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग के मद्देनजर हंगामा हो सकता है. सदन में पिछले दो दिनों से इस हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही बाधित व स्थगित हो चुकी है.

कांग्रेस ईंधन बढ़ोत्तरी पर रहेगी आक्रामक
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध पर चर्चा कराने के लिए राज्यसभा में निलंबन नोटिस पेश किया है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कोविड-19 महामारी के कारण संघ लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों के लिए एक अतिरिक्त अवसर की मांग को उठाने के लिए शून्य काल का नोटिस दिया है. यह भी संभावना है कि कांग्रेस ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा की मांग पुरजोर तरीके से उठाएगी. पिछले दो दिनों से पार्टी इस मुद्दे को उठा रही है और सभापति ने निलंबन नोटिस (सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस) को खारिज कर दिया. इसके कारण सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई और कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी.

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राज्यसभा में होनी है बजट पर चर्चा
राज्य सभा बजट पर सामान्य चर्चा शुरू करने वाली है क्योंकि वाणिज्य, पेट्रोलियम और खाद्य और उपभोक्ता मामलों की समिति की रिपोर्ट पेश की जाएगी। शिपिंग मंत्री मनसुख मंडाविया प्रमुख बंदरगाह बिल पेश करेंगे. कांग्रेस, तृणमूल, राकांपा, द्रमुक और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के सांसद पिछले दो दिनों से सदन में हंगामा कर रहे हैं, जिसके कारण बार-बार स्थगित किए जाने से सदन का कामकाज प्रभावित हुआ है. इन दलों के कई सांसदों ने बताया कि वे तब तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक सरकार उनके द्वारा निचले सदन में उठाए गए मुद्दों का कोई हल नहीं निकालती. 

ये होने हैं कामकाज
हालांकि, निचले सदन के कामकाज की संशोधित सूची में शामिल हैं - सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद प्रश्नकाल, विभिन्न प्रमुख मंत्रालयों द्वार सभापटल पर पत्र रखना और बाद में दिन में दो विधेयकों को पेश किया जाना. रक्षा मंत्रालय से संबंधित कागजात, विदेशी मामले, कोयला और खनन, परमाणु ऊर्जा, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, वाणिज्य और उद्योग संबंधी पत्र सदन के पटल पर रखे जाएंगे. इसके अलावा, सूचना, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर स्थायी समिति की रिपोर्ट को भी सदन में रखा जाएगा.

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लोकसभा में इन पर होगी कार्रवाई
बाद में, सरकार की योजना है कि नियमितीकरण के लिए अनधिकृत कॉलोनियों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानूनों में संशोधन के लिए लोकसभा में एक विधेयक को पेश किया जाए. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी विचार और पारित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 को सदन में पेश करेंगे. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 2021 को संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन के लिए पेश किए जाने की उम्मीद है. विधेयक तमिलनाडु राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची को संशोधित करना चाहता है. सदन 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रण में अनुदान मांगों पर केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरू करेगा.