विपक्ष ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर साधा निशाना, भाजपा ने आम लोगों के सशक्तीकरण के लिये समर्पित बताया
भाजपा के पी पी चौधरी ने कहा कि यह विधेयक देश के लिए गेम चेंजर है
नई दिल्ली:
विपक्ष ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था की फील गुड तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है लेकिन गरीबी, बेरोजगारी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित अनेक मोर्चों पर भारतीय अर्थव्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि भाजपा ने जोर दिया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले पांच वर्ष से अधिक समय में उज्ज्वला, आयुष्मान, आवास योजना सहित अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से न केवल लोगों के सशक्तीकरण का काम किया बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल की. निचले सदन में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक 2019 को चर्चा एवं पारित किये जाने के लिये रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी और अब सरकार विचार-विमर्श के बाद इसे लाई है.
उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मकसद भारत को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करना है. उन्होंने कहा कि भारत में काफी मात्रा में वित्तीय सेवाएं और इनसे जुड़े विषय आते हैं और लंदन और सिंगापुर की तर्ज पर ऐसा वित्तीय केंद्र भारत को सशक्त बनायेगा. विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था संख्या का खेल होता है लेकिन वास्तविक कहानी मानवीय दृष्टिकोण से जुड़ी होती है. अगर कारोबार नहीं हो रहा हो तो लोग प्रभावित होते हैं. कई क्षेत्रों में रोजगार कम होते हैं और अंतत: इसका प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अर्थव्यवस्था की फील गुड तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रही है लेकिन यह वास्तविकता से परे है. कार्ति ने कहा कि विधेयक को केवल एक राज्य गुजरात के संदर्भ में लाया गया है जहां गुजरात अंतरराष्ट्रीय वित्तीय टेक (गिफ्ट) सिटी है.
उन्होंने कहा कि कारोबार को बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करना जरूरी होता है. गुजरात में गिफ्ट सिटी है, लेकिन ऐसे राज्य में वैश्विक प्रतिभा आना नहीं पसंद करेगी जो राज्य ‘ड्राई सिटी’ के रूप में जाना जाता है. कार्ति ने कहा कि फाइनेंशियल हब के लिए पारदर्शिता महत्वपूर्ण है और इस विषय पर ध्यान दिया जाना चाहिए. चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के पी पी चौधरी ने कहा कि यह विधेयक देश के लिए गेम चेंजर है जिससे भारत वित्तीय सेवा क्षेत्र में सिंगापुर, हांगकांग, लंदन, फ्रेंकफुर्ट की तर्ज पर एक बड़े केंद्र के रूप में उभरेगा. उन्होंने कहा कि 2005 के एक कानून में सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) में वित्तीय केंद्र स्थापित करने की बात कही गयी थी लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट सिटी स्थापित करने का निर्णय किया. चौधरी ने कहा कि भारत वित्तीय सेवा का सर्वाधिक उपयोग करने वाला देश है.
उन्होंने दावा किया कि देश में ऐसे केंद्र नहीं होने से प्रतिवर्ष देश को 50 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है. भाजपा सदस्य ने कहा कि ऐसे में यह विधेयक एक तरफ अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा दूसरी तरफ विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा. कार्ति चिदंबरम की गुजरात के ड्राई स्टेट होने संबंधी टिप्पणी पर चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सदस्य ने कहा है कि चूंकि गुजराज ड्राई स्टेट है और वहां दारू नहीं मिलती है, ऐसे में वहां ऐसा केंद्र सफल नहीं होगा, यह निंदनीय टिप्पणी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी की बात करती है लेकिन उनके विचारों के खिलाफ बात करती है. द्रमुक के डी एम काथिर आनंद ने कहा कि देश के समक्ष गरीबी, बेरोजगारी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी समस्याएं हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था भी चुनौतियों का सामना कर रही है. एक तरफ उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ा है, दूसरी तरफ कारोबारी वर्ग में विश्वास की कमी आई है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में देश के पश्चिमी क्षेत्र का ध्यान रखा गया है, जबकि तमिलनाडु सहित देश के दक्षिणी इलाके वित्तीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले रहे हैं. ऐसे में इस तरह के केंद्र अन्य क्षेत्रों में भी खोले जाएं. जारी भाषा दीपक वैभव भाषा वैभव
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