इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ और संसद में विधेयकों को पारित कराने के तरीकों जैसे कई मुद्दों पर विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की। इसके अलावा विभिन्न संस्थानों में हो रही नियुक्तियों और देश के विभिन्न भागों में बढ़ रही हिंसा पर भी राष्ट्रपति से शिकायत की गई।
मुलाकात के बाद कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के सामने ईवीएम में आई गड़बड़ी सहित कई दूसरे मसलों को उठाया।
उन्होंने कहा कि प्रमुख विधेयकों को वित्त विधेयक के रूप में पारित करवा कर सरकार ने राज्य सभा की संवैधानिक स्थिति पर सवाल उठाया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, 'हाल ही में कई घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण प्रशासन और संस्थानों का सम्मान घटा है। कई ऐसे फैसले लिये गए हैं जिनमें तमाम नियमों की अनदेखी हुई है।'
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ज्ञापन में कहा गया है, 'देश में इस समय भय और असुरक्षा का माहौल है। कई तरह की बातें उठाई जा रही हैं जिसके तहत धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही लोगों की आवाज़ को दबाया जा रहा है। जिसके कारण देश में अराजकता को बढ़ावा मिल रहा है।'
विपक्ष ने गोरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा पर भी चिंता जताई है। विपक्ष ने कहा है, 'लोकतंत्र में कानून का राज होता है लेकिन गोरक्षा के मान पर लोगों को परेशान किया जा रहा है, जिससे लोगों में डर का माहौल है। लोगों के मूलअधिकार की रक्षा होनी चाहिये।'
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विपक्ष ने संसद में कई बिल बिना चर्चा के पारित कराने के तरीके पर भी सवाल उठाया है।
विपक्ष ने कहा है, ' सरकार की एक नीयत दिखी है वो ये है कि वह बिना चर्चा के कई विधेयकों को पारित करवा रही है। वर्तमान सरकार संसद जोसी संस्था को कमज़ोर कर रही है और ऐसे अलोकतांत्रिक तरीके अपना रही है जो पहले कभी नहीं अपनाया गया।'
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि कई बिल को सरकार ने वित्त विधेयक को तौर पर पेश किया है, इससे उसकी नीयत का साफ पता चलता है।
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ईवीएम के मसले पर भी विपक्ष ने राष्ट्रपति से शिकायत की है। विपक्ष ने कहा है, 'वोटिंग लिये इस्तेमाल होने वाले ईवीएम से कथित तौर पर छेड़छाड़ की जा रही है। हाल के चुनावों में जिस तरह के परिणाम आए हैं उससे छेड़छाड़ की संभावना को और बल मिलता है। इस संबंध में राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के सामने भी अपनी बात रखी है।'
ईवीएम से छेड़छाड़ का मामला तब ज्यादा बढ़ा जब मध्य प्रदेश के भिंड में कुछ ईवीएम में कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी की ही पर्ची निकालने लगी। हालांकि इस मामले में कई लोगों के खिलाफ कार्वाई भी की गई।
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Source : News Nation Bureau