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नोटबंदी के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले विपक्ष में दरार

शुक्रवार को कांग्रेस की अध्यक्षता में विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगी।

Updated on: 16 Dec 2016, 02:12 PM

नई दिल्ली:

नोटबंदी का विरोध कर रहे विरोध कर रहे विपक्ष में फूट नज़र आ रही है। राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले कांग्रेस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाया है।

विपक्षी दलों का कहना है विपक्षी एकता में आई दरार के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।

शुक्रवार को 16 विपक्षी दलों को राष्ट्रपति से मुलाकात करना था, लेकिन नाराज़गी के कारण समाजवादी पार्टी, डीएमके, एनसीपी, बीएसपी, और लेफ्ट पार्टियों ने साथ जाने से इनकार कर दिया।

राष्ट्रपति से मुलाकात करने कांग्रेस के साथ जेडीयू, तृणमूल और आरजेडी के नेताओं ने राष्ट्रपति से नोटबंदी के मामले पर मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर सदन के अंदर के ताज़ा हालात की जानकारी दी। साथ ही ये भी बताया कि विपक्ष की क्या मांग थी। इसके अलावा उन्होंने नोटबंदी के बाद इकट्ठा हुई रकम को भी किसानों की कर्ज माफी के लिए इस्तेमाल करने की मांग की है। 

खड़गे ने कहा, उन्होंने राष्ट्रपति से बताया है कि वो नोटबंदी पर सरकार से चर्चा करना चाहते थे। वो सरकार को बताना चाहते थे कि नोटबंदी से लोग कितने परेशान हैं। किसानों और छोटे व्यापारियों को नोटबंदी का सबसे अधिक खामियाज़ा भुगतना पड़ा है।

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खड़गे ने कहा सरकार सदन की कार्यवाही को चलाने में पूरी तरह फ़ेल रही है।

विपक्ष के नेताओं ने कहा कि वो देश के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, और उन्हें संसद में बोलने का पूरा अधिकार है। उन्हें संसद में ना बोलने देना असंवैधानिक है। 

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