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बीजेपी नेता राम माधव ने कहा- विपक्षी दलों को CAA के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) देश के किसी नागरिक के खिलाफ नहीं है और कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को इस विषय की पर्याप्त जानकारी नहीं है.

Updated on: 03 Jan 2020, 06:44 PM

हैदराबाद:

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) देश के किसी नागरिक के खिलाफ नहीं है और कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को इस विषय की पर्याप्त जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि देश की नागरिकता हासिल करने के लिये कुछ नियम हैं, जिसके तहत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति अध्यक्ष सोनिया गांधी और गायक अदनान सामी भारतीय नागरिक बने हैं.

माधव ने सीएए का विरोध करने वाले दलों पर कानून के तथ्यों से वाकिफ नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘वे तथ्यों को जानने का प्रयास भी नहीं करते. इसलिये वे लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं.’

माधव ने यहां उस्मानिया विश्वविद्यालय में ‘संशोधित नागरिकता कानून पर चर्चा’ के दौरान कहा कि जैसे पहले हम ‘वाटरप्रूफ’ घड़ियां इस्तेमाल करते थे, उसी प्रकार ये दल ज्ञान रोधी हैं. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल या सीएए का विरोध कर रहे लोग सांप्रदायिक आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे राजनीतिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना नहीं कर सकते. संशोधित नागरिकता कानून में दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, आफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भारत आए वहां के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना का प्रावधान है.

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उनके मुताबिक बांग्लादेश द्वारा खुद को इस्लामी राष्ट्र घोषित किये जाने और उसके बाद की गतिविधियों के कारण वहां से बड़ी संख्या में हिंदू, बौद्ध और ईसाई भारत आए और बीते कई दशकों से रह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘...वे प्रतिकूल और असहनीय परिस्थितियों में भारत आए...अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा 1993 में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक भारत में 44 लाख शरणार्थी थे.’

बांग्लादेश में बीते दस सालों के दौरान स्थिति में सुधार हुआ है. माधव ने मुसलमानों से अनुरोध किया कि वे कुछ विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार अभियान का शिकार न हों.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘सीएए मुसलमानों या किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं है. हमारे देश में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग पहले इस तरह के प्रचार में बलि का बकरा बन चुके हैं.’

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बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय से ही सीएए केंद्र का अपूर्ण एजेंडा रहा है. उन्होंने दावा किया, ‘नेहरू ने यह किया था. इंदिरा गांधी ने यह किया था. अब हम उन्हें नागरिकता की पेशकश कर इसे तार्किक अंजाम तक पहुंचा रहे हैं. लेकिन विपक्ष इसके बारे में गलत बातें फैला रहा है.'