नीतीश कुमार के बाद अब शरद पवार ने विपक्षी खेमे से बनाई दूरी, सोनिया की बैठक में नहीं पहुंची NCP

शुक्रवार को विपक्षी दलों के खेमे दरार साफ तौर पर नजर आई जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया।

शुक्रवार को विपक्षी दलों के खेमे दरार साफ तौर पर नजर आई जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया।

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Jeevan Prakash
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नीतीश कुमार के बाद अब शरद पवार ने विपक्षी खेमे से बनाई दूरी, सोनिया की बैठक में नहीं पहुंची NCP

विपक्षी दलों की बैठक में सोनिया गांधी और अन्य (फोटो-PTI)

मोदी सरकार को घेरने के लिए एकजुट हो रहे विपक्ष को फिर झटका लगा है। शुक्रवार को विपक्षी दलों के खेमे दरार साफ तौर पर नजर आई जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया।

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इससे पहले नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों से दूरी बना ली थी। लेकिन, जेडीयू के विद्रोही सदस्य व शरद यादव के करीबी अली अनवर अंसारी के बैठक में भाग लेने से विपक्ष को कुछ राहत मिली।

राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार ने विपक्षी खेमेबंदी से अलग होकर एनडीए का साथ देने का ऐलान किया था। जिसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन तोड़ विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया था।

शुक्रवार को नीतीश कुमार ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर संकेत दे दिये हैं कि उनकी पार्टी केंद्रीय कैबिनेट की भी साझेदार बनेगी। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद कई दफे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफी की साथ ही कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है।

इस बीच सोनिया गांधी की बैठक से शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने दूरी बना ली है। ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात में राज्यसभा चुनावों में मंगलवार को एनसीपी के दो विधायकों ने बीजेपी को वोट दिया था। अब इसके बाद पार्टी इस बैठक से दूर रही।

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एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस की बैठक का बहिष्कार करती है। उन्होंने कहा, 'गुजरात राज्य सभा चुनावों में समर्थन के बावजूद यदि कांग्रेस हम पर हमला कर रही है तो हमारे बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।'

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार के खिलाफ अपने समन्वय को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

बैठक में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए एक छोटी समन्वय समिति बनाने का निर्णय भी किया गया।

जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को बैठक में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया था, लेकिन अपनी जगह उन्होंने अंसारी को बैठक में भाग लेने के लिए भेजा। शरद यादव मौजूदा समय में बिहार के दौरे पर हैं।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में भाग लिया। इसमें माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी व नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए।

इस बैठक में विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं मीरा कुमार, उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे गोपाल कृष्ण गांधी को धन्यवाद दिया गया। इसमें कहा गया कि हार जीत की परवाह किए बगैर इन लोगों ने चुनाव लड़ा।

बैठक की जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टियों ने संसद में मुद्दों को समन्वय के साथ उठाया। उन्होंने कहा, 'विपक्ष के नेताओं की एक छोटी समन्वय समिति के गठन का फैसला भविष्य के कार्यक्रमों निर्णय के लिए किया गया है।'

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की गैरमौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि शरद पवार का स्वास्थ्य सही नहीं है और वह नहीं आ सके।

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Source : News Nation Bureau

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