नागरिकता संशोधन विधेयक पर संसद में कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को झटका देने के बाद आज शिवसेना एक बार फिर कुछ ऐसा करेगी, जिससे उसके सहयोगी दल नाराज हो सकते हैं. दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) पर देश भर में मची रार के बीच आज मंगलवार को विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति (President) से मुलाकात करने जा रहा है. हालांकि शिवसेना (Shiv Sena) इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होगी. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने इस बाबत अनभिज्ञता जताते हुए कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और शिवसेना इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होगी.' उन्होंने यह भी कहा, महाराष्ट्र (Maharashtra) में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Udhav Thackerey) कैबिनेट में फैसला लेंगे.
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इससे पहले शिवसेना ने पहले लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था, लेकिन कांग्रेस के तीखे तेवर के बाद उसने अपना स्टैंड बदलते हुए बिल का समर्थन करने के लिए सरकार के सामने अपनी शर्तें रख दी थी. राज्यसभा में भी शिवसेना ने बिल का विरोध नहीं किया, बल्कि सदन से वॉकआउट कर गई थी. इससे भी कांग्रेस की नाराजगी सामने आ गई थी.
दरअसल, कांग्रेस चाहती थी कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करे, लेकिन नई-नई विपक्ष में आई शिवसेना ने अपने हिसाब से ही पहले बिल का समर्थन किया और फिर बाद में अपने ही अंदाज में विरोध भी किया.
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अब कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राष्ट्रपति से मुलाकात करने जा रहा है. कांग्रेस चाहती है कि इस मौके पर भी पूरा विपक्ष एकजुट दिखे, ताकि देश भर में इस कानून के विरोध के नाम पर विपक्षी दलों की एकता भी सामने आए, लेकिन शिवसेना के कदम से कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को झटका लग सकता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो