केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी के आरोप को पूरी तरह से झूठा करार देते हुए सोमवार को कहा कि यह (सौदा) पूर्ण रूप से व्यावसायिक हितों पर आधारित और प्रतियोगी को प्रमोट करने के लिए था. संसद भवन परिसर में मीडिया को से बातचीत में कानून मंत्री ने कहा, "आज एक मीडिया हाउस को एक दस्तावेज मिला है, जिसमें बताया गया है कि इटली के बिचौलिया गिडो हश्के के आवास और दफ्तर से छापेमारी के दौरान जब्त किए गए रणनीति पत्र से इस बात का खुलासा हुआ है कि क्रिश्चियन मिशेल और हश्के राफेल के मुख्य प्रतियोगी को विजेता के रूप में लाने की योजना पर काम कर रहे थे."
उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए बिचौलिए ब्रिटिश कारोबारी मिशेल और अन्य राफेल के प्रतियोगी यूरोफाइटर के लिए भी पैरवी कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि जो दस्तावेज दिखाए गए हैं, वे विस्फोटक हैं. प्रसाद ने कहा, "यूरोफाइटर के लिए सौदे को कैसे बदला जाए, इस संबंध में मैं चार पंक्तियां पढ़ना चाहूंगा."
एक खबर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "यह व्यक्ति एमओडी (रक्षा मंत्रालय) में काम किया हो और पहले नाम के आधार पर सुपरिचित हो और सिर्फ एमओडी के आधार पर नहीं, प्रमुख नौकरशाह और मंत्री, बल्कि प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और अग्रणी परिवार भी."
गांधी परिवार की आलोचना करते हुए कानून मंत्री ने कहा, "चाहे यह अगस्ता वेस्टलैंड मामला हो, या वायुसेना के लड़ाकू विमान के लिए राफेल और उसके प्रतियोगी यूरोफाइटर का मामला, एक के बाद एक दस्तावेज में अग्रणी परिवार यानी गांधी परिवार का जिक्र सामने आ रहा है?"
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों से राहुल गांधी और कांग्रेस की मंशा पर गंभीर संदेह पैदा होता है. मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि जाहिर है कि रक्षा सौदे में अगर कोई सौदा नहीं हो तो कांग्रेस खुश हो ही नहीं सकती है.
उन्होंने कहा, "चाहे बोफोर्स हो, पनडुब्बी हो या अगस्ता वेस्टलैंड और अब राफेल के मामले से भी साफ हो गया है कि राफेल के खिलाफ यूरोफाइटर को आगे करने वाले बिचौलिए के साथ करीबी रिश्ता था."
Source : IANS