विधानसभा चुनावों के दौरान बजट पेश करने से सरकार को रोकने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। इन दलों की मांग थी कि सरकार को चुनाव आयोग निर्देश दे कि वो बजट पेश करने की तारीख आगे बढ़ाए।
इन दलों ने चुनाव आयोग से कहा कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक आम बजट को टालने का सरकार को निर्देश दे। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है, जबकि पांच राज्यों के लिए चार फरवरी से आठ मार्च के बीच मतदान होगा।
इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (युनाइटेड), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रतिनिधियों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की। इन दलों ने चुनाव आयोग से आठ मार्च के बाद केंद्रीय बजट पेश किए जाने की मांग रखी।
मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने से कहा, "हमने उन्हें बताया कि चुनाव से पहले बजट की अनुमति देने पर सरकार को इसका अनुचित लाभ मिलेगा और इसे मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने धैर्यपूर्वक विपक्ष की सुनी।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव से पहले एक फरवरी को बजट पेश किया जाना है।
तृणमूल के लोकसभा सदस्य डेरेक ओ' ब्रायन ने उम्मीद जताई है कि निर्वाचन आयोग विपक्ष की मांग पर विचार करेगा।
उन्होंने कहा, "आठ मार्च के बाद बजट पेश किए जाने का पर्याप्त समय है। यही उचित तरीका है। हम आशावान हैं।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष के इस कदम की आलोचना की है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "बजट सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है। इसका किसी राज्य से कोई संबंध नहीं है। बजट (1 फरवरी को) पेश किए जाने का निर्णय अचानक नहीं लिया गया है।"
उन्होंने कहा, "विपक्षी दलों के पास मुद्दों का अकाल पड़ गया है। इसलिए वे इसे एक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने बजट पेश करने के लिए एक फरवरी का दिन तय किया है। विपक्ष चाहे जो भी कहे, बजट उसी दिन पेश किया जाएगा।"
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बजट का विरोध कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की हताशा को दिखाता है।
उन्होंने कहा, "बजट एक संवैधानिक अनिवार्यता है और इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। देश में चुनाव होते रहे हैं.. उनकी वजह से कभी बजट को स्थगित नहीं किया जाता।"
इससे पहले विपक्षी दलों ने केंद्रीय बजट को टालने का आग्रह करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपा।
जैदी ने बुधवार को कहा था कि निर्वाचन आयोग को ज्ञापन मिला है और आयोग सही समय पर फैसला लेगा।
Source : News Nation Bureau