यूपी चुनाव से ठीक पहले आरक्षण के मुद्दे को लेकर आरएसएस के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य आरक्षण खत्म करने वाले बयान से बीजेपी विपक्ष के निशाने पर आ गई है। हालांकि संघ ने सफाई दी है लेकिन इस मसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। संघ के इस बयान पर विपक्ष ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है।
वैद्य के बयान से उत्तर प्रदेश चुनावों में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनावी माहौल में संघ के इस बयान से राजनीति गरमा गई है। सभी विपक्षी दल बीजेपी को घेर रहे हैं और कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी, आरजेडी और दूसरे विपक्षी दलों ने वैद्य के बयान की संघ और बीजेपी की तीखी आलोचना की है।
कांग्रेस ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग भी की है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि बीजेपी और संघ की मानसिकता दलित विरोधी है और इसका खामियाजा इन्हें भुगतना पड़ेगा। प्रधानमंत्री को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिये।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 20, 2017
आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा था, 'आरक्षण का विषय भारत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिहाज से अलग संदर्भ में रखा गया है। इसे खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है। आरक्षण देने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलता है। आरक्षण के बजाय शिक्षा और समान अवसर का मौका देना चाहिए। भीम राव अंबेडकर ने भी कहा है कि किसी भी राष्ट्र में ऐसे आरक्षण का प्रावधान हमेशा नहीं रह सकता। इसे जल्द से जल्द से खत्म करके अवसर देना चाहिए। इससे समाज में भेद निर्माण हो रहा है।'
इस मसले पर विवाद होने पर संघ की तरफ से सफाई भी आई। सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि वैद्य ने धार्मिक आधार पर आरक्षण की बात की थी। संघ मानता है कि उनका बयान न तो विवादास्पद है न ही इस पर किसी तरह का विवाद किया जाना चाहिए।
बिहार चुनाव से पहले भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण खत्म करने की बात कही थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बयान का बचाव करते हुए कहा कि आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगाएगा। भागवत के बयान को बिहार में बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण माना गया था।
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माना जा रहा है कि संघ का ये बयान पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिये परेशानी खड़ी कर सकता है। खासकर उत्तर प्रदेश और पंजाब में। उत्तर प्रदेश में ओबीसी और दलितों का बड़ा वोटबैंक है, वहीं पंजाब में दलित वोट का प्रतिशत ज्यादा है।
Source : News Nation Bureau