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राज्यसभा के 8 सदस्यों के निलंबन को लेकर सरकार पर बरसा विपक्ष, संसद में ‘अनिश्चितकालीन’ धरना

विपक्षी दलों ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला तथा इस कदम के विरोध में वे संसद भवन परिसर में ‘‘अनिश्चितकालीन’’ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

Updated on: 21 Sep 2020, 11:19 PM

दिल्ली:

विपक्षी दलों ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला तथा इस कदम के विरोध में वे संसद भवन परिसर में ‘‘अनिश्चितकालीन’’ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. निलंबित किए गए आठ सांसदों में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य शामिल हैं. उच्च सदन में कृषि संबंधी विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान ‘‘अमर्यादित व्यवहार’’ के कारण इन सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है. धरना स्थल पर तकिया और कंबल लेकर बैठे सांसदों ने कहा कि हम झुकेंगे नहीं.

माकपा नेता इलामारम करीम ने कहा कि निलंबन से हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. हम किसानों के साथ उनकी लड़ाई में साथ रहेंगे. उपसभापति ने रविवार को संसदीय प्रक्रियाओं का गला घोंटा है. सांसदों के निलंबन ने भाजपा के कायर चेहरे को उजागर कर दिया है. करीम उन आठ सांसदों में शामिल हैं, जिन्हें निलंबित कया गया है. अन्य निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह और माकपा से केके रागेश शामिल हैं.

निलंबन के खिलाफ कांग्रेस, माकपा, शिवसेना, जनता दल (सेक्यूलर), तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और समाजवादी पार्टी के सांसद धरने में शामिल हैं जिनके पास ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ और ‘‘संसद की मौत’’ जैसे नारे लिखी तख्तियां हैं. आप के संजय सिंह ने कहा कि देश के किसानों जाग जाओ. भाजपा की सरकार ने आपकी जिंदगी अडाणी-अंबानी को गिरवी रख दी है. जाग जाओ और इस काले कानून का विरोध करो. हम संसद में प्रदर्शन कर रहे हैं और आप इसके बाहर करो. भाजपा सरकार ने किसानों के खिलाफ काले कानून को पारित किया है. हमें विधेयक का विरोध करने के लिए निलंबित किया गया है।.

आप नेता ने कहा कि इसलिए हम यहां धरने पर बैठे हैं और तब तक बैठे रहेंगे जब तक भाजपा सरकार आकर नहीं बताती कि क्यों लोकतंत्र का गला घोंटकर इस काले कानून को पारित किया गया है. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ने वाले आठ सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण है और इस तानाशाह सरकार की उस मानसिकता को दर्शाता है जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं तथा नियमों का सम्मान नहीं करती. हम झुकने वाले नहीं हैं और हम इस तानाशाह सरकार के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगे.

सांसद अपने साथ तकिया और कंबल तथा गर्मी से बचने के लिए पंखे लेकर आए हैं. कई सांसद फल खाते देखे गए. धरने के संबंध में एक सांसद ने कहा कि यह अनिश्चितकालीन धरना होने जा रहा है. हम झुकेंगे नहीं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी सरकार की निन्दा की और विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया को ‘‘संसदीय लोकतंत्र’’ का उल्लंघन करार दिया.