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new parliament( Photo Credit : social media )
पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. मगर कई विपक्षी दलों ने इससे दूरी बना ली है. तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और सीपीआई ने इस समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. वहीं कांग्रेस भी इसके विरोध में खड़ी हो सकती है. इन पार्टियों का कहना है कि पीएम के बजाए राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में सभी विपक्षी पार्टियां संयुक्त बयान जारी कर सकती हैं. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने के पार्टी के निर्णय को लेकर टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि संसद सिर्फ इमारत ही नहीं, पुरानी परंपराओं, मूल्यों और नियमों का प्रतिष्ठान है. यह भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला है.
पीएम मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि यह उद्घाटन पीएम द्वारा नहीं बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए. इसके बाद कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उद्धव ठाकरे की पार्टी, एनसीपी, आरजेडी, जेडीयू आदि कई पार्टियों ने कार्यक्रम से दूरी बनाने का ऐलान किया.
अभी भारत राष्ट्र समिति और अकाली दल की ओर से कोई निर्णय सामने नहीं आया है. कहा जा रहा है कि मायावती की पार्टी बसपा इस आयोजन में शामिल हो सकती है. अभी तक उनकी ओर कोई विरोध के सुर नहीं सुनाई दिए हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस भी कार्यक्रम में शामिल हो सकती है.
HIGHLIGHTS
- इस मामले में सभी विपक्षी पार्टियां संयुक्त बयान जारी कर सकती हैं
- उद्घाटन को लेकर सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाया था
- कहा, उद्घाटन पीएम द्वारा नहीं बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए
Source : News Nation Bureau