संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक (all party meeting) हुई. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में यह बैठक हुई. सर्वदलीय बैठक में एआईएआईए चीफ असद्दुदीन ओवैसी, शिवसेना नेता विनायक राउत समेत अन्य नेता मौजूद थे. शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा.
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से विपक्षी दलों ने कहा कि इस सत्र में बेरोजगारी, मंदी, कृषि संकट (Agricultural Crisis) और प्रदूषण के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्ष के ज्यादातर दलो ने कहा कि सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए.
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बैठक के बाद बिरला ने कहा, ‘विभिन्न दलों के नेताओं ने जो मुद्दे उठाए हैं उन पर कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा की जाएगी और जितना हो सकेगा उतने मुद्दों को हम सदन की कार्यवाही में जगह देने की कोशिश करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने सभी नेताओं से कहा कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें. सदन जनता के प्रति उत्तरदायी है. सदन में चर्चा होनी चाहिए.’
इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ने सभी से सहयोग की अपील की और सबको उचित मौका देने का भरोसा दिलाया.’ उन्होंने कहा, ‘कई नेताओं ने कहा कि इस सत्र में बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, किसानों की समस्याओं और प्रदूषण को लेकर चर्चा की मांग की.’
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इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए. सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा, 'आज शाम पार्टी लाइनों पर नेताओं और सांसदों के साथ अद्भुत बातचीत हुई. हम एक अच्छे संसद सत्र के लिए तत्पर हैं, जहां लोगों के केंद्रित और विकासोन्मुखी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.'
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में विपक्ष के कई नेताओं ने यह भी कहा कि विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए और फिर इन्हें पारित कराने के लिए पेश करना चाहिए.