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Operation Vijay: 21वां कारगिल विजय दिवस आज, दुश्मनों के दांत खट्टे कर लहराया था विजय पताका

आज देशभर में 21वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. देश के लिए ये दिन बेहद अहम है क्योंकि आज ही के दिन भारतीय सेना ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर विजय पताका लहराया

Updated on: 26 Jul 2020, 09:37 AM

नई दिल्ली:

आज देशभर में 21वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. देश के लिए ये दिन बेहद अहम है क्योंकि आज ही के दिन भारतीय सेना ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर विजय पताका लहराया. आज के दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर भारत के वीरों की उस वीर गाथा को याद किया जाता है.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारत के वीर जवानों को याद किया है. उन्होंने कहा, कारगिल विजय दिवस वास्तव में उत्कृष्ट सैन्य सेवा, अनुकरणीय वीरता और बलिदान की भारत की गौरवशाली परंपरा का उत्सव है. हमारे सशस्त्र बलों के अटूट साहस और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया है कि भारत सुरक्षित है.

राजनाथ सिंह ने कहा, मैं उन लोगों का भी आभारी हूं, जो युद्ध में अक्षम होने के बावजूद, अपने तरीके से देश की सेवा करते रहे और राष्ट्र द्वारा अनुकरण के योग्य उदाहरण स्थापित किए.

उन्होंने आगे कहा, कारगिल विजय की 21 वीं वर्षगांठ पर, मैं भारतीय सशस्त्र बलों के उन बहादुर सैनिकों को सलाम करना चाहूंगा जिन्होंने दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दुश्मन का मुकाबला किया था.

बता दें, भारत ने आज ही के दिन साल 1999 को कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इसीलिए इसे विजय दिवस भी कहा जाता है. यह दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मनाया जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम कारगिल युद्ध है. लगभग 60 दिनों तक कारगिल युद्ध चला था और जुलाई के अंत में 26 जुलाई को इसका अंत हुआ था. कारगिल युद्ध जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है पर भारत ने जीत हासिल की थी. ऑपरेशन विजय पर विजय हासिल करने के चलते इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

बता दें कि कारगिल लड़ाई में बोफोर्स तोपें सेना के खूब काम आई थीं. भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध में बड़ा योगदान दिया था. भारतीय वायुसेना ने 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का उपयोग किया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था.