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जेआईबीएस ने विक्टिमोलॉजी, विक्टिम एसिसटेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस पर 17वें एशियाई स्नातकोत्तर कार्यक्रम का आयोजन किया

जेआईबीएस ने विक्टिमोलॉजी, विक्टिम एसिसटेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस पर 17वें एशियाई स्नातकोत्तर कार्यक्रम का आयोजन किया

Updated on: 30 Jul 2021, 02:10 PM

नई दिल्ली:

जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ने वल्र्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी के सहयोग से विक्टिमोलॉजी, विक्टिम एसिसटेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस पर 17वें एशियाई स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का आयोजन किया। इस पाठ्यक्रम ने अपराध विज्ञान, विक्टिमोलॉजी में उभरती प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला है और पीड़ितों के समर्थन के कार्यक्रमों में अनुसंधान को बढ़ावा दिया है।

नौ दिनों की अवधि में इस पाठ्यक्रम का आयोजन 02-30 जुलाई से शुक्रवार और शनिवार को किया गया था, जिसका उद्देश्य पीड़ित सहायता, अपराध विज्ञान, विक्टिमोलॉजी में उभरते रुझानों का व्यापक अवलोकन प्रदान करना और पीड़ितों के समर्थन के लिए कार्यक्रमों में अनुसंधान को बढ़ावा देना था।

इस कार्यक्रम के लिए संसाधन संकाय के रूप में दुनिया भर के 30 से अधिक देशों के पीड़ित, अपराधशास्त्रियों, मनोवैज्ञानिकों और कानूनी चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया था।

पाठ्यक्रम का उद्देश्य पीड़ितों की सुरक्षा, पुनर्वास, भागीदारी और न्याय के ²ष्टिकोण से कानूनों, नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचनात्मक जांच करना भी है।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रो. (डॉ.) संजीव पी. साहनी, प्रधान निदेशक, जेआईबीएस ने आपराधिक व्यवहार के पीछे के विभिन्न पहलुओं और पीड़ितों के समुचित पुनर्वास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, आपराधिक न्याय प्रणाली को न केवल पीड़ित को न्याय प्रदान करने पर विचार करना चाहिए, बल्कि पीड़ित-उन्मुख ²ष्टिकोण पर भी काम करना चाहिए जो समग्र है और आपराधिक न्याय प्रणाली से परे है। अगर हम पहले के समय की तुलना करें तो पुलिस, न्यायपालिका और पीड़ित सहायता समूहों के काम करने के तरीके में निश्चित रूप से सुधार हुआ है, लेकिन स्थितियां आदर्श से बहुत दूर हैं। न्यायिक और पुलिस प्रक्रियाओं के बारे में पीड़ितों को और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं में प्रोफेसर (डॉ.) जॉन ड्यूसिच, प्रोफेसर (डॉ.) गेर्ड एफ किरचॉफ और प्रोफेसर (डॉ.) मार्क ग्रोएनहुइज्सन जैसे विक्टिमोलॉजी के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध नाम शामिल थे।

प्रोफेसर (डॉ.) रॉबर्ट पीकॉक, अध्यक्ष, वल्र्ड सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी और माइकल ओकोनेल, महासचिव और अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र संपर्क समिति, वल्र्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी- जो पाठ्यक्रम के सह-निदेशक भी हैं- ने कार्यक्रम के दौरान विशेष सत्र में भाग लिया। उन्होंने पीड़ित समर्थन सेवाओं के लिए पीड़ितों की वकालत, कानूनी क्लीनिक और आउटरीच कार्यक्रमों पर अनुसंधान और वैज्ञानिक कठोरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता का आह्वान किया।

इस पाठ्यक्रम में 15 विभिन्न देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। पाठ्यक्रम व्यवहार विज्ञान के क्षेत्र में अंत:विषय और सहयोगात्मक अनुसंधान पहलों का विस्तार और सु²ढ़ीकरण करने के लिए जेआईबीएस की पहल का हिस्सा है।

यह उल्लेख करना उचित है कि जेआईबीएस ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का एक मूल्य-आधारित शोध संस्थान है और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली पर प्रतिष्ठित अकादमिक परिषद का सदस्य है, जो निरंतर प्रयोग, अनुसंधान और सीखने के माध्यम से मानव प्रक्रिया दक्षताओं को समझने, विकसित करने और लागू करने के लिए समर्पित है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.