पीएम मोदी की पाकिस्तान पॉलिसी पर सिर्फ 22 फीसदी लोगों को भरोसा- सर्वे
PEW रिसर्च एजेंसी का सालाना सर्वे पीएम मोदी के लिए अच्छी खबर लेकर आया है
नई दिल्ली:
PEW रिसर्च एजेंसी का सालाना सर्वे पीएम मोदी के लिए अच्छी और बुरी दोनों खबर लेकर आया है। 2464 लोगों के बीच ये सर्वे 7 अप्रैल से 24 मई के बीच कराया गया जिसमें सामने आया है कि करीब दो तिहाई लोग यानि की 10 में से 8 लोग सरकार के काम काज और देश के माहौल से खुश हैं वहीं लोगों को ये भी लगता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। लेकिन मोदी सरकार के पाकिस्तान पॉलिसी पर सिर्फ देश के 22 फीसदी लोगों ने ही भरोसा जताया है। सर्वे के मुताबिक देश की 62 फीसदी जनता का मानना है कि सेना की मदद से ही आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है वहीं 63 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार को सेना पर होने वाले खर्च को और बढ़ाना चाहिए।
जनता को पीएम मोदी पर पूरा भरोसा
साल 2014 में भारी बहुमत से जीतने के दो साल बाद भी पीएम मोदी देश की जनता का भरोसा खुद पर बनाए रखने में कामयाब नजर आ रहे हैं। सर्वे के मुताबिक 56 फीसदी लोगों ने उनके काम की सराहना की है साथ ही ये भी माना है कि वो आम लोगों की सुविधा का ख्याल रखते हैं। वहीं 51 फीसदी लोगों का मानना है कि पीएम मोदी अपनी कही हुई बातों पर कायम रहते हैं। 49 फीसदी लोगों को लगता है कि मोदी सबको साथ लेकर काम करने में यकीन करते हैं
बीजेपी के अच्छे और बुरे दिन
सर्वे के मुताबिक साल 2015 के मुकाबले 2016 में बीजेपी का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा है। सांप्रदायिक मामलों को लेकर करीब 65 फीसदी लोगों ने बीजेपी का साथ दिया है जबकि इसी मुद्दे पर महज 40 फीसदी लोगों ने ही विपक्ष का साथ दिया है। सर्वे के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल बीजेपी का ग्राफ 10 प्वाइंट ऊपर चढ़कर 25 प्वाइंट पर पहुंच गया है। हालांकि बीजेपी के समर्थन में पिछले साल के मुकाबले इस साल कमी आयी है पिछले साल जहां 65 फीसदी लोगों ने बीजेपी का समर्थन किया था वहीं इस बार सिर्फ 53 फीसदी लोगों ने ही बीजेपी को सपोर्ट किया है। हालांकि बीजेपी अभी भी लोगों के समर्थन के मामले में बाकी पार्टियों से काफी आगे है।
कांग्रेस को झटका
कांग्रेस पार्टी PEW के सर्वे में काफी पिछड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस की तुलना में पीएम मोदी को दोगुने नंबर मिले हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस को 35, बेरोजगारी पर लगाम लगाने के मामले में 28 फीसदी और गरीबों की मदद में सिर्फ 27 फीसदी अंक ही मिले हैं।
सांप्रदायिकता देश के लिए समस्या
सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि देश के करीब 54 फीसदी लोग सांप्रदायिकता को देश के लिए बड़ा खतरा मानते हैं जबकि 52 फीसदी लोगों को लगता है कि आतंकी संगठन ISIS देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
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