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चार राज्यों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना शुरू, जल्द पूरे देश में मिलेगी सुविधा

सरकार को उम्मीद है कि राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा से ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित भी नहीं होना पड़ेगा.

Updated on: 09 Aug 2019, 05:57 PM

highlights

  • पायलट प्रोजेक्ट बतौर चार राज्यों में शुरू हुई सुविधा.
  • ये राज्य हैं आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र.
  • पायलट प्रोजेक्ट सफल होने पर पूरे देश में होगी लागू.

नई दिल्ली.:

मोदी 2.0 सरकार ने अपनी एक और महत्वाकांक्षी योजना 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' की दिशा में शुक्रवार को कदम बढ़ा दिया है. फिलहाल यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार राज्यों में लांच की गई है. इसके तहत आंघ्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र में रह रहे गरीब अपने-अपने राशन कार्ड इन चार राज्यों में पोर्ट करा सकेंगे. केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को इस सुविधा का ऑनलाइन उद्घाटन किया. पायलट प्रोजेक्ट के सफल रहने पर इस सुविधा को पूरे देश में लागू किया जाएगा. इस योजना के पूरी तरह अमल में आने से राशन कार्ड पूरे देश में मान्य हो जाएंगे.

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राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का फायदा प्रवासी मजदूरों को
सरकार को उम्मीद है कि राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा से ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित भी नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही इस बदलाव से एक से अधिक राशन कार्ड रखने की संभावना भी खत्म हो जाएगी. खाद्य मंत्रालय की आईएमपीडीएस सुविधा आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से लागू है, जहां कोई भी लाभार्थी अपने हिस्से का राशन किसी भी जिले से प्राप्त कर सकता है. केंद्र ने गरीबों के हित में इसे सभी राज्यों से लागू करने की अपील की है.

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डाटाबेस से डुप्लीकेट राशन कार्ड पर लगेगी लगाम
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूरों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलने का दावा करते हुए पिछले दिनों रामविलास पासवान ने कहा था कि 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' से गरीब मजदूरों और श्रमिकों को पूर्ण खाद्य सुरक्षा मिलेगी. इससे लाभार्थियों को आजादी मिलेगी, क्योंकि वे एक पीडीएस दुकान से बंधे नहीं होंगे. यह सुविधा भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगी. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए खाद्य मंत्रालय सभी कार्ड्स का एक केंद्रीय डाटाबेस तैयार करेगा, जो डुप्लीकेट कार्ड्स को हटाने में मददगार होगा.