One Nation-One Election : देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी में अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद समेत 8 सदस्य बनाए गए हैं, लेकिन कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदस्य बनने से इनकार कर दिया है. इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) आमने-सामने आ गई है.
भाजपा और सहयोगी दल का पक्ष
'वन नेशन, वन इलेक्शन' के सवाल पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल का कहना है कि यह पुरानी मांग है. कोई भी समझदार व्यक्ति और जो एक ही काम के लिए 5 बार पैसे खर्च करने का विरोधी है और जो देश की रचनात्मक विकास में भारतीय संपत्ति का वाजिब हिस्सेदारी का समर्थक है, वह 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का समर्थन करेगा.
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का कहना है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कई संवैधानिक संशोधन चाहिए होंगे, जिसे संसद द्वारा 2/3 बहुमत और 50% विधासभाएं पारित करेंगी और उसके बाद चुनाव आयोग को भी इस पर समय चाहिए होगा. मैं मानता हूं कि यह अच्छा प्रयास है और हम इस प्रयास के साथ हैं.
कांग्रेस का पक्ष
वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए बनी कमेटी में अधीर रंजन चौधरी के शामिल नहीं होने पर कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल का कहना है कि भारत सरकार अडानी के मुद्दे को भटकाना चाहती है. इसलिए वे ये सब चीजें कर रहे हैं. ये चीजें करते समय वे संसदीय रीति-रिवाजों और परंपराओं को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं.
'वन नेशन, वन इलेक्शन' के सवाल पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि बिल का मसौदा आने पर ही हम कुछ कह सकेंगे. मुख्यमंत्री (मनोहर लाल) खट्टर साहब का बयान है कि इससे लोगों का हित है और इससे हजारों करोड़ की बचत होगी. मैं (मनोहर लाल) खट्टर साहब से आग्रह करूंगा कि वे अपने बयान पर कायम रहें. कम-से-कम हरियाणा के चुनाव लोकसभा के साथ कराएं क्योंकि यह फैसला हरियाणा की जनता के हक में होगा.
'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंह देव का कहना है कि संविधान संशोधन ऐसे ही नहीं आते. कुछ राज्यों की विधानसभा भंग होने की स्थिति आ जाएगी. मैं पहली बार सुन रहा हूं कि सदन को बिना किसी एजेंडा के तहत बुलाया जा रहा है. यह चीन, मणिपुर से ध्यान हटाने के अलावा कुछ और नहीं है.
Source : News Nation Bureau