उत्तराखंड में खाद्य विभाग के एक विवादित पत्र ने कांग्रेस को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। मामला खाद्य मंत्री के निजी कार्यक्रम में विभाग के निमंत्रण का है। जिस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले का संज्ञान लेने की मांग की है। यह स्थिति तब है जब राज्य में मॉनसून के चलते छुट्टियां रद्द की गई हैं और दूसरी तरफ खाद्य मंत्री के निजी कार्यक्रम के लिए उत्तराखंड से बाहर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को निमंत्रण दिया जा रहा है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री धामी को एक पत्र लिखकर एक ऐसे मामले की जानकारी दी है, जो वाकई काफी चौंकाने वाला है। मामला सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य से जुड़ा है। दरअसल, रेखा आर्य का एक निजी कार्यक्रम को लेकर बरेली दौरा है, जिसमें एक धार्मिक कार्यक्रम में वे शामिल होने जा रही हैं। लेकिन विवाद उस चिट्ठी से शुरू हुआ जिसमें अधिकारी, कर्मचारियों को उत्तराखंड से बाहर बरेली में होने वाले इस निजी कार्यक्रम के लिए वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बकायदा पत्र लिखा गया है।
खाद्य विभाग के अपर आयुक्त पीएस पांगती की तरफ से लिए गए इस पत्र में कहा गया है कि खाद्य मंत्री के कार्यालय द्वारा जानकारी देने के बाद यह पत्र जारी किया जा रहा है। इसमें 4 अगस्त से 9 अगस्त तक श्री बाबा बनखंडी नाथ और आदरणीय परम गुरु श्री हरि गिरि जी महाराज राष्ट्रीय महामंत्री जूना अखाड़ा की कृपा से बाबा बनखंड़ी नाथ मंदिर जोगी नवादा बरेली में 108 शिवलिंग और मां बगलामुखी माता की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
करन माहरा ने दिलाई याद:
मंत्री के कार्यालय की तरफ से निमंत्रण पत्र के जरिए खाद्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को निमंत्रण दिया जा रहा है। वहीं, पत्र जारी होते ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर उनके उन निदेशरें की याद दिलाई है, जिसमें मॉनसून के दौरान कर्मचारी अधिकारियों की छुट्टी कैंसिल की गई है।
कनपटी पर बंदूक रखकर नहीं दिया निमंत्रण:
वहीं, इस मामले पर खाद्य मंत्री रेखा आर्य विवादित बयान देते हुए कहती हैं कि मैंने किसी की कनपटी पर बंदूक रखकर निमंत्रण नहीं दिया है, जिसको आना है वह अपनी मर्जी से आ सकता है। हालांकि, वह कहती हैं कि वह पता करेंगे कि यह पत्र किस स्तर पर लिखा गया है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि उन्होंने निमंत्रण दिया है कनपटी पर बंदूक नहीं रखी। स्वेच्छा है पुण्य कार्यक्रम में आप आना चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि वह समझती हैं कि किसी को कार्यक्रम में रहना है या नहीं यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। जब हम किसी को निमंत्रण देते हैं तो उसकी स्वेच्छा पर छोड़ते हैं।
कार्यक्रम में कुछ लोग पहुंचते हैं और कुछ नहीं पहुंचते। यह छोटी मानसिकता का प्रतीक है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा तब कहां थे जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अपनी पुत्री का वैवाहिक कार्यक्रम कर रहे थे। रेखा आर्य ने कहा कि धार्मिक आयोजन के लिए किसी अधिकारी को कोई निर्देश नहीं दिया गया है। हम उन संस्कारों में पले बढ़े जिसमें धार्मिक कार्यक्रम के लिए निवेदन करने के साथ ही निमंत्रण दिया जाता है। इस कार्यक्रम के लिए समस्त प्रदेशवासी आमंत्रित हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि वह सुसंस्कृत परिवार से हैं उन्हें पता नहीं कि कनपटी पर बंदूक कैसे रखते हैं। सीएम ने एक आदेश पारित किया था, कुछ दिन पहले कि किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी। बरसात का मौसम है आपदा आ सकती है। यह भी कहा था कि हम भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के घर में कोई कार्यक्रम हो या सार्वजनिक कार्यक्रम हो उसका आप निमंत्रण दे सकते हैं। सरकारी उच्च अधिकारी के माध्यम से मातहतों को आदेश जारी नहीं कर सकते।
बता दें कि रेखा आर्य वही मंत्री हैं जो लगातार अधिकारियों के साथ आपसी विवाद को लेकर चर्चाओं में रहती हैं। इस बार यह पत्र मंत्री की हनक के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मॉनसून के कारण जहां प्रदेश में कर्मचारी अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल की गई हैं। सभी को अपनी नियुक्ति स्थल पर रहने के लिए कहा गया है। वहीं, मंत्री अपने विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को निजी कार्यक्रम के तहत निमंत्रण दे रही हैं।
विवाद इस बात पर है कि विभाग के अधिकारी द्वारा इस निमंत्रण को सरकारी पत्र के रूप में लिखा जा रहा है। इस मामले में करन माहरा कहते हैं कि रेखा आर्य जिस तरह की भाषा का उपयोग कर रही हैं। वह किसी अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति द्वारा ही कही जा सकती है। करन माहरा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनकी उन बातों को याद दिलाई है, जिसमें उन्होंने मॉनसून के दौरान अधिकारी कर्मचारियों को अपनी नियुक्ति स्थल पर रहने की बात कही थी।
इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी उनके पास ना कोई पत्र आया है और ना ही यह पूरा मामला उनके संज्ञान में है। लिहाजा मामला सामने आने के बाद उस प्रकरण को देखा जाएगा।
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Source : IANS