सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस में देरी पर मौत की सजा के मामलों के लिए गाइडलाइन बनाई

इस गाइडलाइन में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन जजों की बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने के बाद रजिस्ट्री इस संबंध में मौत की सजा सुनाने वाली अदालत को इस बात की सूचना देगी

इस गाइडलाइन में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन जजों की बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने के बाद रजिस्ट्री इस संबंध में मौत की सजा सुनाने वाली अदालत को इस बात की सूचना देगी

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Ravindra Singh
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

निर्भया गैंगरेप के दोषियों को सजा मिलने में हो रही देरी को लेकर हर कोई अपनी नाराजगी दिखा रहा है. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने मौत के मामलों में नई गाइड लाइन तय की है. नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर कोई हाइकोर्ट किसी मौत की सजा की पुष्टि करता है और सुप्रीम कोर्ट इसकी अपील पर सुनवाई की सहमति जताता है तो 6 महीने के भीतर मामले को तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया जाएगा, भले ही अपील तैयार हो या नहीं.

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आपको बता दें कि इस गाइडलाइन में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन जजों की बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने के बाद रजिस्ट्री इस संबंध में मौत की सजा सुनाने वाली अदालत को इस बात की सूचना देगी कि 60 दिनों के भीतर उक्त केस संबंधी पूरा डाटा सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया जाएगा. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर इस संबंध में कोई अतिरिक्त दस्तावेज या उनका स्थानीय भाषा अनुवाद किया जाना है तो वो भी दिया जाए. रजिस्ट्री पक्षकारों को अतिरिक्त दस्तावेज के लिए 30 दिन का और समय दे सकती है.

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सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की गाइड लाइन
* HC से मौत की सज़ा की पुष्टि के बाद अगर SC में कोई अपील दायर होती है, तो अपील 6 महीने में सुनवाई के लिए लिस्ट हो जाएगी.
*रजिस्ट्री 60 दिन में संबंधित कोर्ट से रिकॉर्ड लेगी और अपीलकर्ता को दस्तावेज के लिए 30 दिन मिलेंगे.
*अगर सम्बंधित दस्तावेज फ़ाइल नहीं होते है तो जज चैंबर में विचार कर सुनवाई पर फैसला लेंगे.

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