जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से बलूचिस्तान का जिक्र किया है, वहां के लोगों की उम्मीदें जग गई हैं. वहां चल रहे आंदोलन को बल मिला है. बलूचिस्तान में पीएम नरेंद्र मोदी को हीरो के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. इससे पाकिस्तान की भौहें और सिकुड़ गई हैं. नायला कादरी ने मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए उन्हें बलूचिस्तान का हीरो करार दिया है.
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पिछले साल बनारस में संस्कृति संसद में नायला कादरी ने कहा था, अगर बलूचिस्तान आजाद होता है तो वहां सबसे पहले मोदी भाई की मूर्ति लगाई जाएगी. उन्होंने कहा था, प्रधानमंत्री मोदी के बलूचिस्तान के जिक्र ने बलूच लोगो की आस जगा दी है और वहां हमें भारत से मदद की दरकार है.
कादरी ने कहा था, अगर भारत सरकार इजाजत दे तो बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का गठन वाराणसी में ही किया जाएगा. कादरी का यह भी कहना था कि पिछले 70 सालों में मोदी ही पहले ऐसे प्रधानमंत्री हुए हैं, जिन्होंने सबसे पहले बलूचिस्तान के मुद्दे को लाल किले के अपने भाषण में जिक्र किया था.
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तब से बलूचिस्तान के लोगो में आजादी की आस हिलोरें मार रही हैं. नायला ने दोहराया था कि मध्य एशिया से सीधा संपर्क बलूचिस्तान के माध्यम से ही मिलेगा व बलूचिस्तान ने अपने खून की आहुति देते हुए माता हिंगलाज के मंदिर को अभी तक सहेज रखा है. बलूचिस्तानी एक कटोरे पानी की मदद को सदियों तक याद रखते हैं और वह एक ऐसा देश का निर्माण करेंगी जो धर्म निरपेक्ष भी होगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो