ओमिक्रॉन : संक्रमण को कैसे रोकें?
ओमिक्रॉन : संक्रमण को कैसे रोकें?
नई दिल्ली:
भारत में वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमण के कारण कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, ऐसे में मास्क, टीकाकरण, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे निवारक उपायों को बढ़ाने और आत्मसंतुष्ट न होने की तत्काल जरूरत है।भारत में सोमवार को 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के 1,700 मामले दर्ज किए गए, जबकि 24 घंटे की अवधि में कोविड-19 के 33,750 नए मामले दर्ज किए गए। सक्रिय मामलों की संख्या 1,45,582 तक पहुंच गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा दिशानिर्देश के मुताबिक, जो सावधानियां और कदम उठाए जाने हैं, वे पहले की तरह ही रहेंगे।
दिशानिर्देश में कहा गया है, अपने चेहरे पर ठीक से मास्क लगाना आवश्यक है, टीकों की दोनों खुराक लें (यदि अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है), शारीरिक दूरी बनाए रखें और जहां तक संभव हो, अच्छा वेंटिलेशन बनाए रखें।
इस बीच, केंद्र ने राज्यों को लोगों में बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर ओमिक्रॉन का इलाज करने की सलाह दी है।
राज्य सरकारों को लिखे पत्र में कहा गया है, किसी भी व्यक्ति में खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द या अन्य लक्षण हों, मगर बुखार नहीं हो, तब भी इसे कोविड-19 का संदिग्ध मामला माना जाना चाहिए, जब तक कि पुष्टि न हो जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव के पत्र ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से विभिन्न स्थानों पर चौबीसों घंटे कार्यात्मक आरएटी बूथ स्थापित करने, चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ को शामिल करने और घरेलू परीक्षण किट के उपयोग को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, संदिग्ध रोगियों और उनके संपर्क में आए लोगों की प्रारंभिक जांच और उन्हें तुरंत आइसोलेट करना, सार्सकोव-2, कोविड-19 के प्रेरक एजेंट के फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण उपायों में से एक है।
केंद्र ने राज्यों को आरटी-पीसीआर परीक्षणों के परिणाम में देरी होने पर रैपिड एंटीजन टेस्ट या आरएटी के लिए जाने की भी सलाह दी।
इस बीच, दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि मल्टी-विटामिन और पैरासिटामोल ओमिक्रॉन रोगियों को दिया जाने वाला एकमात्र उपचार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ते मामलों से लड़ने के लिए पिछले हफ्ते घोषणा की कि कोविड-19 टीकाकरण 3 जनवरी से 15-18 आयुवर्ग के बच्चों के लिए शुरू होगा। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, 15-18 आयुवर्ग के लगभग 10 करोड़ बच्चे कोविड-19 टीकाकरण के लिए पात्र हैं।
सरकार के कोविन पोर्टल के अनुसार, टीकाकरण के पहले दिन अब तक 16 लाख से अधिक किशोरों को टीका लगाया जा चुका है।
भारत में अब तक 27 लाख से अधिक किशोरों ने पोर्टल पर पहली खुराक के लिए पंजीकरण कराया है। अभियान के तहत देश भर में इस आयुवर्ग के लगभग 7.5 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। वर्ष 2007 में या उससे पहले जन्म लेने वाले ही टीकाकरण के लिए पात्र हैं।
ओमिक्रॉन की आक्रामक क्षमता को देखते हुए देश में 10 जनवरी से स्वास्थ्य देखभाल/फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बुजुर्ग आबादी (60 से अधिक आयुवर्ग) को एहतियाती खुराक दी जाएगी।
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