Advertisment

Omicron की तीसरी लहर आई भी, तो नहीं होंगे दूसरी लहर जैसे हालात

ओमीक्रॉन से सर्वाधिक प्रभावित दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों के हालात देख कहा जा सकता है ऑक्सीजन की जरूरत शायद ही पड़़े. यह अलग बात है कि दूसरी लहर से सबक लेने के बाद फिलवक्त देश में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Omicron Oxygen

दक्षिण अफ्रीका और अन्य पश्चिमी देशों की केस हिस्ट्री का निष्कर्ष.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

ओमीक्रॉन (Omicron) भले ही अभी भारत के 17 राज्यों में फैला है और इसके संक्रमितों की संख्या 400 के लगभग पहुंच रही है, लेकिन ब्रिटेन समेत कई अन्य पश्चिमी देशों में इसका कहर बरप रहा है. ब्रिटेन में तो एक दिन में इसके संक्रमितों की संख्या 1.22 लाख पहुंच गई है. इस लिहाज से देखें तो ब्रिटेन (Britain) का हर 20वां शख्स ओमीक्रॉन वेरिएंट से कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) का शिकार हो चुका है. ओमीक्रॉन संकट के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि ओमीक्रॉन के मामले बढ़ने से यदि तीसरी लहर आती भी है, तो हालात दूसरी लहर जैसे बद्तर नहीं होंगे. सरकार का साफ कहना है कि ओमीक्रॉन संक्रमण के उपचार में ऑक्सीजन (Oxygen) की जरूरत पड़ने का अंदेशा फिलहाल काफी कम है. 

ऑक्सीजन की जरूरत शायद ही पड़े
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का कहना है कि ओमीक्रॉन से सर्वाधिक प्रभावित दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों के हालात देख कहा जा सकता है ऑक्सीजन की जरूरत शायद ही पड़़े. यह अलग बात है कि दूसरी लहर से सबक लेने के बाद फिलवक्त देश में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है. कह सकते हैं कि ओमीक्रॉन संक्रमण के चलते तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच यह खबर राहत पहुंचाने वाली है. विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि अब तक जितने भी मामले मिले हैं, वे यह तो बिना लक्षण वाले हैं या हल्के लक्षण के.

यह भी पढ़ेंः मुंबई में क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टी पर लगी रोक, इन राज्यों में नाइट कर्फ्यू

फिर भी देश में किए गए पर्याप्त इंतजाम
देश अब तक दो कोरोना लहर का सामना कर चुका है. सितंबर 2020 में जब पहली लहर पीक पर थी तो देश में किसी एक दिन में अधिकतम ऑक्सीजन की मांग 1000 मीट्रिक टन पहुंची थी, लेकिन मई 2021 में दूसरी लहर के दौरान यह अधिकतम 10 हजार मीट्रिक टन तक जा पहुंची थी. उसके बाद सरकार ने युद्ध स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन के इंतजाम किए थे. वर्तमान में 18836 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन प्रतिदिन की मात्रा में उपलब्ध है. फिर भी ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. देश में 1810083 कोविड आइसोलेशन बेड, 494314 आऑक्सीजन बेड, 139300 आईसीयू बेड, 24057 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड तथा 64796 पीडियाट्रिक बेड का इंतजाम किया गया है.

यह भी पढ़ेंः  OMG: करोना संक्रमण से मृत लोग हो रहे जिंदा, वजह कर देगी हैरान

डब्ल्यूएचओ ने कहा बूस्टर डोज ओमीक्रॉन का समाधान नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी कह रहा है कि डेल्टा की तुलना में ओमीक्रॉन समुदायों के माध्यम से तेजी से फैल रहा है. इसके मामले डेढ़ से तीन दिन में दोगुना हो रहे हैं. इसमें प्रतिरोधक क्षमता नजरंदाज करने की ताकत भी है. साथ ही डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि बूस्टर डोज ले लेना इसका समाधान नहीं है. कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करने के साथ-साथ पूर्ण टीकाकरण जरूरी है. साथ ही ओमीक्रोन के उपचार और बचाव का तरीका भी पहले की ही तरह रहेगा. विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक तंत्र दो तरीके से कार्य करता है. एक टीके के कारण शरीर में उत्पन्न न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबाडीज संक्रमण को रोकती हैं. समय के साथ-साथ इनकी संख्या घटने लगती है, लेकिन इसके साथ ही टी-सेल के जरिये शरीर का दूसरा प्रतिरोधक तंत्र भी समानांतर रूप से कार्य करता है.

HIGHLIGHTS

  • दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों के ओमीक्रॉन मामलों का किया गया अध्ययन
  • ओमीक्रॉन से तीसरी लहर आई भी तो नहीं पड़ेगी ऑक्सीजन की जरूरत
  • फिलवक्त भारत के 17 राज्यों में ओमीक्रॉन, 400 के पास पहुंची संक्रमित संख्या
तीसरी लहर भारत INDIA oxygen omicron britain ब्रिटेन ऑक्सीजन ओमीक्रॉन कोरोना संक्रमण Corona Epidemic Third Wave
Advertisment
Advertisment
Advertisment