वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उमर खालिद कोर्ट में पेश, कहा-मुझे जेल में खतरा
उसे सुरक्षा की ज़रुरत है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कि सेल से बाहर कदम रखने पर ही रोक लगा दी जाए, ये तो एंकातवास हुआ. उमर के वकील ने जज से आग्रह किया कि वो सुनिश्चित करे कि जेल प्रशासन की शिकायत करने की क़ीमत उनके मुवक्किल को ना चुकानी पड़े.
नई दिल्ली:
दिल्ली दंगों के मामले में UAPA के तहत गिरफ्तार, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया. उमर खालिद ने कोर्ट से शिकायत की कि जेल के अंदर, उसे सेल के बाहर कदम रखने की इजाज़त नहीं है और किसी को उससे बात करने भी नही दिया जा रहा. उसे सुरक्षा की ज़रुरत है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कि सेल से बाहर कदम रखने पर ही रोक लगा दी जाए, ये तो एंकातवास हुआ. उमर के वकील ने जज से आग्रह किया कि वो सुनिश्चित करे कि जेल प्रशासन की शिकायत करने की क़ीमत उनके मुवक्किल को ना चुकानी पड़े. बहरहाल कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को कल होने वाली सुनवाई में मौजूद रहने को कहा, इस मामले की सुनवाई कल दो बजे की जाएगी.
आपको बता दें कि इसके पहले दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन द्वारा तीन मामलों में दायर जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने दिल्ली के दंगों में उनकी सक्रिय भूमिका के सबूत के आधार पर याचिकाओं को खारिज कर दिया और यह भी कहा कि उन्होंने धन और अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए 'सरगना' की तरह हिंसा की योजना बनाई. पूर्व राजनीतिक नेता ने दिल्ली दंगों के मामले से संबंधित तीन मामलों में जमानत की मांग की थी. इन तीनों के अलावा हुसैन सांप्रदायिक दंगों के आठ अन्य मामलों में भी अभियुक्त माने गए हैं.
उनकी तीन याचिकाओं को खारिज करते हुए एडिशनल सेशंस न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा, "यह स्पष्ट है कि उन्होंने अपने धन और राजनीतिक दबदबे का इस्तेमाल सांप्रदायिक संघर्ष की योजना बनाने, उकसाने और उन्हें भड़काने में सरगना के रूप में काम किया. मुझे लगता है कि रिकॉर्ड में पर्याप्त तथ्य मौजूद हैं, जो साबित करते हैं कि आवेदक मौके पर मौजूद था और दंगाइयों को उकसा रहा था
कोर्ट ने आगे कहा कि हुसैन ने दंगाइयों को 'मानव हथियारों' के रूप में इस्तेमाल किया, जो उनके इशारे पर किसी को भी मार सकते थे. न्यायाधीश ने आगे कहा, "दिल्ली दंगा 2020, बड़ी वैश्विक शक्ति बनने की आकांक्षा वाले देश की अंतरात्मा में एक गहरा घाव है. आवेदक के खिलाफ आरोप अत्यंत गंभीर हैं."
कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्र गवाहों के रूप में पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिनका यह मानना है कि आवेदक अपराध के स्थान पर मौजूद था और दंगाइयों को प्रेरित कर रहा था. गौरतलब है कि फरवरी में हुई हिंसा में सीएए समर्थकों और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी. हिंसा में 53 लोग मारे गए और 748 लोग घायल हुए थे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह