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Lok Sabha Speaker: ओम बिड़ला बने नए लोकसभा स्पीकर, जानिए खास बातें

Lok Sabha Speaker: ओम बिड़ला बने नए लोकसभा स्पीकर, जानिए खास बातें

Updated on: 19 Jun 2019, 11:54 AM

highlights

  • Om Birla 17वीं लोकसभा स्पीकर चुने गए.
  • इसके पहले सुमित्रा महाजन थी लोकसभा स्पीकर.
  • ओम बिड़ला कोटा से सांसद हैं.

नई दिल्ली:

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) से सांसद और बीजेपी नेता ओम बिड़ला (Om Birla) लोकसभा स्पीकर (New Lok Sabha Speaker) चुने गए हैं. विपक्ष ने बिड़ला के विरुद्ध अपना कोई भी लोकसभा स्पीकर के लिए कोई नाम नहीं दिया था. ऐसे में ओम बिड़ला निर्विरोध लोकसभा स्पीकर चुने गए. TMC ने भी ओम बिड़ला के नाम पर अपनी सहमति जताई है. बिड़ला अपने सामाजिक कार्यों की वजह से कोटा में काफी मशहूर हैं. वे वसुंधरा राजे की सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं. 

ओम बिड़ला के लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है.

बता दें कि ओम बिड़ला का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा प्रस्तावित था. ओम बिड़ला के नाम पर सभी बड़ी राजनैतिक पार्टियों जैसे BJD, TMC और DMK जैसी पार्टियों ने अपनी सहमति जताई है. 

लोकसभा स्पीकर चुने जाने से पहले ही उनकी पत्नी Amita Birla ने न्यूज नेशन से बातचीत में कहा कि मेरे पति पहले भगवान की पूजा नहीं करते थे, मेरे दबाव देने पर रोज सुबह पूजा पाठ शुरू किया. आज सुबह भी 10 मिनट पूजा करने के बाद ही रवाना हुए. मैं खुश बहुत हूं. वह हमेशा बोलने से ज्यादा सुनने शक्ति रखते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि लोकसभा की व्यवस्था ओम बिरला हमेशा बनाए रखेंगे.

ओम बिरला के बड़े भाई राजेश बिरला का न्यूज़ नेशन से बातचीत में कहा कि मेरे छोटे भाई 10 साल से राजनीति में रुचि ले रही हैं. वह कोटा में भी लोगों की समस्या सुनते थे. मुझे पूरा भरोसा है कि वह परिवार से ज्यादा राष्ट्रीय तो देते हैं, लिहाजा पार्टी से ऊपर उठकर सत्ता पक्ष और विपक्ष को एक नजर से देखते हुए बतौर लोकसभा अध्यक्ष अपना काम करेंगे.

कौन है ओम बिड़ला?

4 दिसंबर 1962 को जन्में ओम कृष्ण बिड़ला कोटा से बीजेपी सासंद हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेसउम्मीदवार राम नारायण मीणा को करीब पौने तीन लाख वोटों से हराकर जीत हासिल की थी. इसके अलावा 2014 में भी बिड़ला को कोटा सीट से बड़ी सफलता हाथ लगी थी. उस समय उन्होंने कांग्रेस के इज्यराज सिंह को हराया था. वे तीन बार राज्सथान विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं.