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Odisha Train Accident( Photo Credit : social media )
Odisha Train Accident: ओडिशा बालासोर के ट्रेन हादसे में 275 से अधिक लोगों की मौत हो गई. बालासोर के एक स्कूल को अस्थायी मुर्दाघर में शवों को खोज रहे पिता को अपने बेटे के जिंदा होने का विश्वास था. उनके विश्वास ने बेटे को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया. हादसे के बाद बिस्वजीत मलिक को उसके पिता ने नया जीवन दान दिया. पिता ने उसे मुर्दाघर से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया और आगे इलाज के लिए कोलकाता भेज दिया.
दरअसल हादसे के बाद बिस्वजीत की पिता से बात हुई थी. वह दर्द से कराह रहा था. इसके बाद पिता हेलराम ने तुरंत एक स्थानीय एम्बुलेंस चालक को कॉल कर दिया. इसके साथ अपने बहनोई दीपक दास को साथ ले लिया. रातभर सफर के बाद वह बालासोर पहुंचे. वह हर किसी से बेटे के बारे में पूछताछ कर रहे थे. अस्पताल में सर्च के बाद भी बिस्वजीत का पता नहीं लगा.
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कई शवों के बीच बेहोशी की हालत में था बिस्वजीत
इस बीच किसी ने सूचना दी कि बहानागा हाई स्कूल में हादसे में जान गंवा चुके रेल यात्रियों के शव रखे हुए हैं. उन्हें वहां पर खोजने के लिए कहा गया. हेलाराम इस बात को स्वीकार नहीं कर सके कि उनका बेटा मुर्दों के बीच में पड़ा था. इस बीच उनकी नजर शवों के बीच बिस्वजीत पर गई. वह बुरी तरह से घायल अवस्था में होने के साथ बेहोशी की हालत में था. बिस्वजीत को बालासोर के अस्पताल में ले जाया गया. इंजेक्शन देने के बाद उसे कटक मेंडिकल कॉलेज लाया गया. इसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.
HIGHLIGHTS
- आगे इलाज के लिए कोलकाता भेज दिया
- पिता रातभर सफर के बाद बालासोर पहुंचे
- उनकी नजर शवों के बीच बिस्वजीत पर गई