ओडिशा का 'दशरथ मांझी' बच्चों के लिए बना 'नायक', पढ़ाई के लिए पहाड़ काटकर बनाई सड़क

कभी स्कूल न जाने वाले ओडिशा के जालंधर नायक ने अपने तीनों बेटों को शिक्षा दिलाने के लिए इस मुश्किल कारनामे को अंजाम दिया है।

कभी स्कूल न जाने वाले ओडिशा के जालंधर नायक ने अपने तीनों बेटों को शिक्षा दिलाने के लिए इस मुश्किल कारनामे को अंजाम दिया है।

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sunita mishra
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ओडिशा का 'दशरथ मांझी' बच्चों के लिए बना 'नायक', पढ़ाई के लिए पहाड़ काटकर बनाई सड़क

ओडिशा का दशरथ मांझी बच्चों के लिए बना 'नायक'

बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी से तो पूरा देश वाकिफ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओडिशा राज्य में भी एक ऐसी ही नजीर पेश की गई है।

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कभी स्कूल न जाने वाले ओडिशा के जालंधर नायक ने अपने तीनों बेटों को शिक्षा दिलाने के लिए इस मुश्किल कारनामे को अंजाम दिया है।

लगातार दो साल तक दिन-रात एक करके अकेले पहाड़ काटकर 8 किलोमीटर का रोड बना डाला। इस रोड को 15 किलोमीटर तक और बनाने का लक्ष्य है। ये रोड उनके गांव गुमसही को मुख्य मार्ग से जोड़ता है।

गौरतलब है कि इस गांव में केवल नायक का ही परिवार रहता है, बाकी लोग संसाधनों की कमी के चलते गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं।

नायक आजीविका के लिए सब्जियां बेचता है, लेकिन चाहता है कि उसके बच्चे पढ़ाई करें, ताकि उनका जीवन आसान हो सके। प्रशासन द्वारा कंधमाल उत्सव में सम्मानित होने की बात से नायक काफी खुश है। इसके साथ ही अब जिला प्रशासन की मदद से गांव तक पक्की रोड का निर्माण कार्य पूरा किया जा सकेगा।

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बता दें कि जिलाधिकारी बृंद्धा डी ने जब स्थानीय अखबार में नायक की कहानी पढ़ी तो उन्होंने इसे माउंटेन मैन को सम्मानित करने का फैसला किया। कलेक्टर ने नायक को आर्थिक मदद देने और खंड विकास अधिकारी को और मजदूर लगाकर रोड को पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

नायक की कहानी भी बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी जैसी ही है। प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल न पहुंच पाने के कारण उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया था, जिसके उन्होंने अपने जीवन के 22 साल पहाड़ काटकर सड़क बनाने के लिए लगा दिए।

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HIGHLIGHTS

  • इस गांव में केवल नायक का ही परिवार रहता है, बाकी लोग संसाधनों की कमी के चलते गांव छोड़कर पलायन कर चुके है
  • माउंटेन मैन नायक को सम्मानित करने का फैसला किया, लगातार दो साल तक अकेले पहाड़ काटकर 8 किलोमीटर का रोड बना डाला

Source : News Nation Bureau

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