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जानी-मानी लेखिका गीता मेहता ने शनिवार को पद्म श्री पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया. केंद्र ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अवॉर्ड देने की घोषणा की थी. गीता ने न्यूयॉर्क से प्रेस स्टेटमेंट को जारी किया. उन्होंने कहा, पद्मश्री अवॉर्ड के लिए नामित होने पर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं. यह अवॉर्ड लेने का सही समय नहीं है, क्योंकि लोकसभा चुनाव आने वाले हैं.' उन्होंने कहा, 'देश में चुनाव नज़दीक है. अवॉर्ड की टाइमिंग से समाज में गलत संदेश जाएगा, जो मेरे और सरकार दोनों के लिए शर्मिंदगी की बात होगी. मुझे इसका अफसोस हमेशा रहेगा.'
Gita Mehta, writer&sister of Odisha CM:Deeply honoured that Govt should think me worthy of a Padma Shri but with great regret I decline it as there is a general election looming and timing might be misconstrued, causing embarrassment both to Govt and me,which I would much regret. pic.twitter.com/TiFD0wVPSG
— ANI (@ANI) January 26, 2019
मेहता को साहित्य और शिक्षा श्रेणी में इस अवॉर्ड के लिए चुना गया था. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन हैं. मेहता ने कर्मा कोला (1979), राज (1989), ए रिवर सूत्रा(1993), स्नेक्स एंड लेडर्स: ग्लिम्पेस ऑफ मॉडर्न इंडिया (1997) और एटर्नल गणेश, फ्रॉम बिरथ टू रिबर्थ (2006) किताबें लिख चुकी हैं. गृह मंत्रालय ने उन्हें 'फॉरेनर' कैटिगरी में अवॉर्ड दिया है, जबकि सूत्रों के मुताबिक वह भारतीय नागरिक हैं और भारतीय पासपोर्ट रखती हैं.
शुक्रवार शाम को केंद्र ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा अनुमोदन के बाद पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची के साथ उनके नाम की घोषणा की थी.
Source : News Nation Bureau