देश की सबसे बड़ी जांच ऐजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर सरकार ने कार्रवाई करते उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है और उनकी जगह अब सीबीआई की कमान आईपीएस नागेश्वर राव को सौंप दी है. नागेश्वर राव पहले सीबीआई में ही संयुक्त निदेशक के पद पर काम कर रहे थे. नागेश्वर राव साल 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं.
M Nageshwar Rao appointed as the interim director of the Central Bureau of Investigation with immediate effect
Read @ANI Story | https://t.co/kBL58mX14r pic.twitter.com/XxLq0c3bsF
— ANI Digital (@ani_digital) October 24, 2018
तत्काल प्रभाव से सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने नागेश्वर राव
मोदी सरकार के नियुक्ति के फैसले के तुरंत बाद तत्काल प्रभाव से नागेश्वर राव ने अपना कार्यभार संभाल लिया है. सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने नागेश्वर राव के लिए सबसे बड़ी चुनौती देश की सबसे बड़ी और विश्वसनीय जांच एजेंसी पर भ्रष्टाचार के लगें दागों को धोने का है. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नियुक्ति कमेटी ने लिया है.
और पढ़ें: CBI विवाद के ये हैं प्रमुख किरदार, जानें इनके रोल
वहीं दूसरी तरफ सीबीआई के दोनों शीर्ष अफसर पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है और सीबीआई मुख्यालय को पूरी तरह सील कर दिया गया है. सरकार के अगले आदेश तक सीबीआई मुख्यालय में अब तो कोई बाहरी व्यक्ति या फिर सीबीआई कर्मी जा सकता है.
कौन सा है वह मामला जिसमें अस्थाना पर लगा है घूस लेने का मामला
आपको बता दें कि सीबीआई कार्मिक मंत्रालय के अधीन आता है, जिसके प्रभारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग कारोबारी मोइन कुरैशी को क्लीन चिट देने में कथित घूस लेने के आरोपों पर सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर केस दर्ज किया था. इसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर भी दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगाया था.
इसके बाद अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए राकेश अस्थाना दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए और अपने खिलाफ दायर किए गए एफआईआर को रद्द करने की मांग की. कोर्ट ने उन्हें फौरी राहत देते हुए यथा स्थिति बनाए रखने को कहा और सोमवार तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था. डीएसपी देवेंद्र कुमार को सात दिनों के लिए CBI की हिरासत में भी भेजा गया. मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ आरोपों की जांच के दौरान दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने के आरोप में देवेंद्र को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. CBI के एक अधिकारी ने कहा, "देवेंद्र कुमार को ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है.'
और पढ़ें: छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, पूरी सीबीआई बिल्डिंग सील
धन शोधन और भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों का सामना कर रहे कुरैशी के खिलाफ मामले की जांच कर रहे कुमार को दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. CBI ने रविवार को अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, कुमार और दो अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. एक अदालत ने कुमार को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. CBI ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2017 और इस वर्ष अक्टूबर में कम से कम पांच बार रिश्वत ली गई.
गुजरात काडर के भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के अधिकारी अस्थाना पर कुरैशी मामले में जांच का सामना कर रहे एक व्यापारी से जांच में राहत देने के लिए दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले की जांच अस्थाना के नेतृत्व में गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा था.
Source : News Nation Bureau