गोवा की तरह, ओडिशा के समुद्र तटों पर जाने वाले पर्यटक जल्द ही एक ही स्थान पर बेहतरीन भोजन, शीतल पेय, संगीत और समुद्र का आनंद उठा सकेंगे।
राज्य सरकार ने छह समुद्र तटों पर समुद्र तट झोंपड़ियों की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) ने राज्य के छह प्रमुख समुद्र तटों में झोंपड़ियों के संचालन के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
राज्य पर्यटन सचिव विशाल देव ने आईएएनएस को बताया यह न केवल ओडिशा के बाहर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि समुद्र तटों पर आने वाले स्थानीय पर्यटकों को भी वहां मजा आएगा। समुद्र तट के झोंपड़ियों में मनोरम भोजन, ठंडी शराब और सबसे महत्वपूर्ण सफेद रेत और तेज लहरों की पृष्ठभूमि के साथ एक ताजा माहौल होगा।
उन्होंने कहा कि शुरूआत में छह स्थानों पर झोंपड़ियों की योजना बनाई गई है, जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा।
सरकार ने पुरी जिले में पुरी-कोणार्क समुद्री ड्राइव पर पांच और गंजम जिले के गोपालपुर समुद्र तट पर पांच अन्य झोंपड़ियों की अनुमति देने का फैसला किया है।
इसी तरह, बालासोर जिले के तलसारी-उदयपुर समुद्र तट पर तीन शैक खोले जाएंगे, जबकि जगतसिंहपुर जिले के पारादीप समुद्र तट पर इतनी ही संख्या में झोंपड़ी खोली जाएंगी।
बालासोर जिले के चांदीपुर समुद्र तट और गंजम जिले के पाती सोनापुर में कम से कम दो-दो झोंपड़े होंगे।
पर्यटन विभाग राजस्व एवं वन विभागों के परामर्श से झोंपड़ियों के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान कर रहा है, जिसे तीन साल की अवधि के लिए पट्टे के आधार पर आवंटित किया जाएगा।
राज्य सरकार समुद्र तट की झोंपड़ियों को बिजली, पानी और सीवेज जैसी सामान्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगी, जिन्हें हर स्थान पर एक क्लस्टर में विकसित करने का प्रस्ताव है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, अब आबकारी नीति, 2021 के तहत समुद्र तट पर शराब परोसने की अनुमति है। ओटीडीसी वार्षिक शुल्क, लाइसेंस शुल्क और अन्य किराये के भुगतान के अधीन, हर स्थान के लिए चयनित ऑपरेटरों के लिए आबकारी विभाग से लाइसेंस प्राप्त करेगा।
चयनित ऑपरेटरों को अपनी लागत पर बीच शैक विकसित करने होंगे। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस उद्देश्य के लिए लगे कर्मचारी अच्छी तरह से प्रशिक्षित, विनम्र और संचारी रोगों से मुक्त हों। ऑपरेटरों को स्थानीय समुदाय से कम से कम 75 प्रतिशत जनशक्ति को शामिल करने के लिए कहा गया है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।
सूत्रों ने कहा अगर सुविधा/सेवा की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई जाती है, तो संचालक को सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए जाएंगे। इसके अलावा, अगर सेवा की गुणवत्ता बार-बार असंतोषजनक पाई जाती है, तो ऑपरेटर को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ओडिशा में 482 किलोमीटर लंबी तट रेखा है, जिसमें छह जिलों में फैले खूबसूरत समुद्र तट हैं, जिनमें पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
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Source : IANS