ओडिशा के रायगड़ा जिले के आदिवासी बहुल काशीपुर प्रखंड के छह लोगों की डायरिया से मौत हो जाने पर विधानसभा में शनिवार को हंगामा हुआ।
शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान मांगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को लागू करने में राज्य सरकार देश में नंबर वन है। हालांकि, काशीपुर प्रखंड के कई लोग अभी भी खाद्य सुरक्षा से वंचित हैं।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि आम की गुठली और शराब जैसी गैर-खाद्य सामग्री के सेवन से आदिवासी और झोडिया समुदाय के लोग मर रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में इस तरह के गैर-खाद्य पदार्थो के सेवन से कम से कम छह लोगों की मौत हुई है।
मिश्रा ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए काशीपुर इलाके में लोगों की मौत के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री से बयान मांगा।
कांग्रेस के एक अन्य सदस्य ताराप्रसाद बहिनीपति ने भी अपने पार्टी सहयोगी के साथ अध्यक्ष बी.के. अरुखा से अपील की कि वह सीएम से बयान देने को कहें।
रायगड़ा विधायक मकरंदा मुदुली ने डायरिया को हैजा में बदलने से पहले राज्य सरकार से कदम उठाने को कहा है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि प्रभावित लोगों के समुचित इलाज और दूषित पानी की जांच के लिए राज्य मुख्यालय से क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय मेडिकल टीम भेजी जाए।
अध्यक्ष ने जब इस मुद्दे पर तुरंत फैसला देने से इनकार कर दिया, तब कांग्रेस सदस्यों ने सदन में हंगामा किया, जिसके कारण कार्यवाही दो बार 10 मिनट और फिर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
बाद में अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री निरंजन पुजारी से सोमवार को इस मुद्दे पर विधानसभा में बयान देने को कहा।
रिपोर्टों के अनुसार, 2007 में काशीपुर ब्लॉक के लगभग 40 से अधिक लोगों ने दस्त से पीड़ित होने पर जान गंवा दी थी।
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Source : IANS