तमिलनाडु में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति को तत्काल ट्रेन टिकट बुक करने के लिए फर्जी सॉफ्टवेयर बनाकर रेलवे को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान 40 वर्षीय शमशेर आलम के रूप में हुई है। आलम पर 2012 से इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट पर तत्काल टिकट बुक करने और बेचने के लिए फर्जी सॉफ्टवेयर बनाने का आरोप है।
आलम को तिरुवन्नामलाई से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आरोपी को एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि आलम पिछले 10 सालों से मुंबई के पास टिटवाला शहर से काम कर रहा था और उसने आईआरसीटीसी वेबसाइट पर तत्काल टिकट बुक करने के लिए एक सॉफ्टवेयर फ्यूजन विकसित किया था।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, आलम ने देश भर के निजी टिकट बुकिंग केंद्रों को फ्यूजन सॉफ्टवेयर बेचा, जिसने अवैध रूप से तत्काल टिकट बुक करके 50 करोड़ रुपये की कमाई की।
पुलिस के अनुसार, जुलाई 2022 में एक छापेमारी के बाद वेल्लोर में पांच बुकिंग एजेंटों को गिरफ्तार किया गया था। एजेंटों ने पुलिस को एक फर्जी वेबसाइट के बारे में सूचित किया, जिसने उन्हें फर्जी आईडी का उपयोग करके और वास्तविक यात्रियों को दरकिनार कर तत्काल टिकट तेजी से बुक करने में मदद की।
एजेंटों ने खुलासा पर सितंबर 2022 में बिहार के दानापुर के मूल निवासी 32 वर्षीय शैलेश यादव को गिरफ्तार किया गया।
यादव ने देश भर में टिकट बुकिंग एजेंटों को अपनी वेबसाइट (तत्कालसॉफ्टवेयरऑल डॉट इन) के माध्यम से सॉफ्टवेयर बेचा था। यादव से पूछताछ करने पर, पुलिस ने पाया कि आलम प्रमुख साजिशकर्ता था जिसने सॉफ्टवेयर विकसित किया था।
आलम ने शुरुआत में ग्राहकों को मासिक आधार पर 500 रुपये में अपना सॉफ्टवेयर (शार्प, तेज, नेक्सस प्लस प्लस और फ्यूजन) किराए पर दिया। फिर उसने यादव के साथ हाथ मिलाया और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।
पुलिस ने बताया कि आलम के खिलाफ कुर्ला, दादर और जोधपुर थानों में मामले दर्ज हैं।
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Source : IANS